कासगंज: एक माह से अधिक समय तक नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य, जानें वजह

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Published By Vikas Babu
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कासगंज, अमृत विचार: होली से आठ दिन पहले फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को होलाष्टक लग जाते हैं, जो होलिका दहन तक रहते हैं। इस अवधि में सभी मांगलिक कार्यों को वर्जित बताया गया है। इस अवधि में जप-तप करना, भगवान विष्णु, हनुमान और नरसिंह भगवान की पूजा करने का विधान है।

इस अवधि में सनातन संस्कृति में आने वाले सोलह संस्कारों जैसे विवाह संस्कार, नामकरण संस्कार, उपनयन, जनेऊ, मुंडन व छेदन संस्कार आदि के साथ-साथ भूमि पूजन, गृह निर्माण एवं प्रवेश, नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ, नया वाहन खरीदना आदि शुभ एवं मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। आचार्य पं. दिवाकर पचौरी ने बताया कि अपरिहार्य स्थिति में केवल त्रयोदशी संस्कार किया जा सकता है।

शुभ कार्यों के वर्जित रहने का यह कारण है-
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रह्लाद पर उनके पिता, असुर हिरण्यकश्यप ने भगवान की भक्ति करने पर अपने पुत्र को तरह-तरह की प्रताड़नाएं दी थीं और फाल्गुन पूर्णिमा के दिन आग में जलाने का प्रयास किया था। जिस कारण ग्रहों की स्थिति उग्र बन गई।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलाष्टक के दौरान अलग-अलग तिथियों में नवग्रहों में से आठ ग्रह उग्र अवस्था में रहते हैं।

  • अष्टमी तिथि को चंद्रमा
  • नवमी को सूर्य
  • दशमी तिथि पर शनि
  • एकादशी को शुक्र ग्रह
  • द्वादशी को गुरु
  • त्रयोदशी को बुध
  • चतुर्दशी को मंगल
  • पूर्णिमा तिथि को राहु की अवस्था उग्र रहती है।

होलाष्टक की अवधि में किए गए किसी भी शुभ कार्य पर इन सभी ग्रहों का बुरा असर पड़ता है। इसलिए इन दिनों में सभी शुभ कार्य करना निषेध माना गया है।

इस दिन शुरू होंगे होलाष्टक
आचार्य पंडित दिवाकर पचौरी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी की शुरुआत गुरुवार 6 मार्च को सुबह 10:52 बजे से हो रही है, जो अगले दिन शुक्रवार 7 मार्च को प्रातः 9:19 बजे समाप्त होगी।

उदया तिथि प्रभावी होने के कारण होलाष्टक शुक्रवार 7 मार्च से माने जाएंगे, जो 13 मार्च तक रहेंगे। 13 मार्च की रात्रिबेला में होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक समाप्त हो जाएंगे। तत्पश्चात 14 मार्च से मलमास प्रारंभ होगा, जो 13 अप्रैल को समाप्त होने के बाद ही वैवाहिक कार्य शुरू होंगे।

होलाष्टक की तिथियां

  • पहला दिन - शुक्रवार, 7 मार्च 2025
  • दूसरा दिन - शनिवार, 8 मार्च 2025
  • तीसरा दिन - रविवार, 9 मार्च 2025
  • चौथा दिन - सोमवार, 10 मार्च 2025
  • पांचवां दिन - मंगलवार, 11 मार्च 2025
  • छठा दिन - बुधवार, 12 मार्च 2025
  • सातवां एवं आठवां दिन - गुरुवार, 13 मार्च 2025

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