कानपुर मेट्रो में 20 प्रतिशत महिला चला रहीं ट्रेन, ट्रेन ऑपरेशन्स से लेकर सिविल-इलेक्ट्रिकल समेत हर विभाग में संभाल रहीं जिम्मेदारी
कानपुर, अमृत विचार। यूपीएमआरसी में कार्यरत कुल कर्मचारियों में से लगभग 22 प्रतिशत महिलाएं हैं। लखनऊ, कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं में महिलाएं, आर्किटेक्चर, एचआर, फाइनेंस, ऑपरेशन, सिविल समेत विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। कानपुर मेट्रो में 20 प्रतिशत महिला स्टेशन कंट्रोलर व ट्रेन ऑपरेटर हैं। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मेट्रो ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
यूपीएमआरसी ने शुक्रवार को कहा कि महिलाएं तकनीकी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ मेट्रो संचालन की बागडोर भी बखूबी संभाल रही हैं। मेट्रो के कई प्रमुख स्टेशनों पर महिला ऑपरेटर्स और स्टाफ अपनी दक्षता और समर्पण से यात्रियों का भरोसा जीत रही हैं। कानपुर मेट्रो के अंदर 20 प्रतिशत महिला स्टेशन कंट्रोलर/ट्रेन ऑपरेटर (एससीटीओ) हैं। यूपीएमआरसी के अन्य परियोजनाओं को जोड़ दें तो यह आंकड़ा 25 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। हाल में हुई भर्तियों में महिला ट्रेन ऑपरेटर्स की संख्या 31 प्रतिशत रही थी, जो महिला कर्मचारियों की लगातार बढ़ती भागीदारी का द्योतक है।
महिलाओं की काबिलियत पर यूपीएमआरसी के विश्वास का अंदाजा इस बात से मिलता है कि 28 दिसंबर, 2021 को मा. प्रधानमंत्री जी द्वारा कानपुर मेट्रो के वाणिज्यिक परिचालन के शुभारंभ के दौरान पहली ट्रेन चलाने वाली ट्रेन ऑपरेटर भी महिला ही थीं। यही नहीं, ट्रेन चलाने में अधिकतम माइलेज हासिल करने वाली शीर्ष पांच ट्रेन ऑपरेटर्स भी महिलाएं हैं जो अपने आप में एक उपलब्धि है।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, “यूपीएमआरसी की वर्दी पहनने वाली हमारी महिला कर्मचारी हम में से प्रत्येक में गर्व की भावना पैदा करती हैं। हम महिलाओं को अधिक अवसर देने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं। उन्हें उच्च जिम्मेदारियां लेने और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मेट्रो परिसर और ट्रेन महिलाओं के लिए सुरक्षित हों और इस दायित्व का निर्वहन हम पूरी निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
