Bareilly: एल्डिको सिटी...चकबंदी में सरकारी झील का रकबा कम करने की आशंका !

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। एनजीटी में एल्डिको सिटी प्रबंधन के सरकारी झील पर अतिक्रमण करने के प्रकरण की सुनवाई के बीच पहली और दूसरी चकबंदी के बीच झील का रकबा घटने का शक गहराया है। पता चला है कि 1366 फसली की बंदोबस्त व्यवस्था में झील का रकबा तीन बीघा चार बिस्वा था जो 1397 फसली में एक बीघा 15 बिस्वा रह गया। डीएम के निर्देश पर इस मामले में तहसीलदार सदर ने जांच की है। चकबंदी के दौरान झील की भूमि खुर्द-बुर्द किए जाने की आशंका है। माना जा रहा है कि चकबंदी विभाग की रिपोर्ट से असलियत सामने आएगी।

एसडीएम सदर प्रमोद कुमार की ओर से 7 मार्च को एडीएम फाइनेंस को झील प्रकरण की जांच रिपोर्ट भेजी गई थी जिसके अनुसार ग्राम बिलवा की गाटा संख्या 508 जो राजस्व अभिलेखों में झील के रूप में दर्ज है। इस संंबंध में प्रकरण एनजीटी में विचाराधीन है। इस झील का रकबा 1366 फसली की बंदोबस्त में तीन बीघा चार बिस्वा है, जबकि 1397 फसली की बंदोबस्त में झील की भूमि एक बीघा 15 बिस्वा अवशेष है। इस अंतर के कारण की जांच की गई। प्रकरण की जांच तहसीलदार सदर भानु प्रताप सिंह से कराई गई।

तहसीलदार सदर की आख्या के अनुसार प्रथम चकबंदी 1366 फसली के खाता संख्या 129 पर गाटा संख्या 469 रकबा 10 बिस्वा व गाटा संख्या 701 रकबा दो बीघा 4 बिस्वा है। कुल रकबा तीन बीघा चार बिस्वा झील के नाम अंकित है। द्वितीय चकबंदी 1397 फसली के खाता संख्या 285 गाटा संख्या 508 रकबा 10 बिस्वा, गाटा संख्या 712 रकबा एक बीघा एक बिस्वा व गाटा संख्या 713 रकबा चार बिस्वा, कुल एक बीघा 15 बिस्वा झील के नाम अंकित है।
इस तरह 1397 फसली में झील के रकबे में एक बीघा 15 बिस्वा की कमी हो गई थी। 2 फरवरी 1988 में झील का मौका व सर्वे किया गया था। मौका व सर्वे की माप के आधार झील के रकबे में कमी आई थी। झील के रकबे में प्रथम चकबंदी और द्वितीय चकबंदी में आई कमी की जांच चकबंदी विभाग से मांगी गई है, जो अभी तक नहीं मिली है।

एसडीएम ने सीओ चकबंदी से मांगी रिपोर्ट
एसडीएम सदर ने तहसीलदार सदर की रिपोर्ट मिलने के बाद सीओ चकबंदी से प्रकरण में जांच कराकर रिपोर्ट मांगी है। चकबंदी विभाग की जांच में ही स्पष्ट होगा कि झील का रकबा कैसे कम हुआ है।

एनजीटी में है 28 मार्च को होनी है सुनवाई
झील पर अतिक्रमण होने के प्रकरण की सुनवाई 28 मार्च को एनजीटी में है। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि झील के रकबे में कमी के अंतर की सही स्थिति जानने के बाद यह रिपोर्ट भी एनजीटी में प्रस्तुत की जाएगी।


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