लखीमपुर खीरी में ट्रेन की सेवा से रोडवेज को हुआ नुकसान, केवल दो बसें जा रही हैं टनकपुर

गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचारः होली के बाद मां पूर्णागिरि धाम दर्शन के लिए तमाम श्रद्धालु रोज उत्तराखंड जा रहे हैं। लेकिन इस बार पीलीभीत तक ट्रेन चल जाने के कारण रोडवेज की बसों में यात्रियों, श्रद्धालुओं की कमी देखी जा रही है। पिछले वर्ष गोला से 10 बसें टनकपुर तक जाती थी। इस बार दो बसों तक के लिए भी सवारियां नहीं निकल पा रही हैं।
उत्तराखंड का प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम मेला 15 मार्च से शुरू हो चुका है। मां पूर्णागिरि के दर्शनार्थ जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या धीरे धीरे बढ़ रही है। नगर सहित क्षेत्र के तमाम गांवों से श्रद्धालु पीलीभीत होकर टनकपुर जाते हैं। ऐसे मेंरेलवे स्टेशन और रोडवेज अड्डे पर श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रहती है।
लेकिन इस बार रोडवेज अड्डे पर श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं दिख रही है, जिसका प्रमुख कारण है इस बार दिन में पीलीभीत के लिए दो ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालु, यात्री 95 रुपये में टनकपुर पहुंच रहे हैं जबकि रोडवेज में 253 रुपया खर्च कर गोला से पीलीभीत और पीलीभीत से टनकपुर के लिए यात्रा कर रहे हैं।
पीलीभीत से मेला स्पेशल सहित अन्य कई ट्रेनों के चलने से श्रद्धालु आसानी से मां पूर्णागिरि धाम पहुंचकर दर्शन कर रहे हैं। श्रद्धालुओं, यात्रियों का मानना है कि ट्रेन में आवागमन की सुविधा बस की अपेक्षा बेहतर और सस्ती है। इसलिए श्रद्धालु, यात्री ट्रेनों में सफर कर मां पूर्णागिरि धाम पहुंचकर दर्शन पूजन कर रहे हैं।
पिछले वर्ष मां पूर्णागिरि मेला भर श्रद्धालुओं की आवक को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने गोला से टनकपुर के लिए प्रतिदिन 10 बसों का संचालन किया था, जिससे डिपो को अच्छा राजस्व लाभ भी हुआ था। ट्रेन चलने से बस के लिए सवारियां नहीं निकल रही है। डिपो में बसों की कमी नहीं है। श्रद्धालु, की संख्या बढ़ने पर उनकी सुविधार्थ बसों को भेजा जाता है- कमलेश वर्मा केंद्र प्रभारी, रोडवेज गोला
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