पहले तार से बांधे पैर फिर गले में फंदा डाल दी जान: कानपुर के काकादेव में आर्थिक तंगी के कारण प्राइवेट कर्मी ने उठाया कदम 

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। काकादेव थानाक्षेत्र में आर्थिक तंगी से ऊबकर एक प्राइवेट कर्मी ने पहले बिजली के तार से पैर बांधे इसके बाद गले में फंदा डालकर जान दे दी। बेटा जब पिता के पास पहुंचा और दरवाजा नहीं खुला तो शंका हुई। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने टीन शेड़ हटवाया। जहां शव पंखे से लटकता मिला। जिससे परिवार में कोहराम मच गया। 

इंद्रानगर मलिन बस्ती निवासी प्राइवेट कर्मचारी 42 वर्षीय बाबू प्रसाद नौकरी करके घर का खर्च चलाते थे। जहां भी नौकरी करने को मिल जाती थी, वहां पर काम कर लेते थे। लेकिन काफी लंबे समय से कोई काम नहीं मिल रहा था। इस वजह से घर की स्थिति काफी खराब थी। परिवार में पत्नी प्रीति देवी, बेटी पूजा, अलीशा और एक बेटा रवि है। रवि भी प्राइवेट काम करता है। 

रवि के अनुसार रोज की तरह पिता शाम को करीब छह बजे घर आए। इसके बाद वह नहाने चले गए और फिर ऊपर के कमरे में पूजा करने गए। सभी को लगा कि पिता पूजा करने के बाद सो गए हैं। रात करीब नौ बजे मैं भी ड्यूटी से लौटा। 

इसके बाद मां के कहने पर पिता को खाना खाने के लिए जगाने पहुंचा,तो अंदर से दरवाजा बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी नहीं खुला, तो बेटे रवि ने छत की टीन हटाकर कमरे में देखा तो पिता फंदे से लटके मिले। उन्होंने अपने दोनों पैरों को घुटने के पास से तार से बांध रखा था। घटना स्थल पर बगल में ही एक कुर्सी भी रखी मिली।

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