कासगंज: दस्यु गिरोहों की आराध्य देवी रही हैं मां स्योर महारानी...सरगना चढ़ाते थे घंटा
कासगंज के पटियाली क्षेत्र में स्थित है माता रानी का यह दरबार

पटियाली, अमृत विचार। एक समय था जब एटा-कासगंज की कटरी दस्यु गिरोहों की पनाहगाह थी। छविराम, पोथी, कलुआ सहित अनेक दस्यु यहां की जमीन पर पले बढ़े हैं। इन सभी दस्यु गिरोहों की एक आराध्य देवी रहीं हैं। जो वर्तमान में कासगंज जिले की पटियाली तहसील के दरियावगंज क्षेत्र में हैं। यहां सरगना माता रानी की पूजा करते थे और अपनी मनौती पूरी करने के लिए पहुंचते थे।
समाजसेवी अनुज सक्सेना बताते हैं कि स्योर मंदिर पूर्व में एटा जनपद में था लेकिन वर्ष 2008 में अलग जनपद बनने के चलते अब यह कासगंज जनपद में आता है। लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराने देवी स्योर मंदिर के बारे में मान्यता है कि इनकी चौखट पर आकर जो भी श्रद्धा से मांगता है, देवी स्योर उसकी मनोकामना पूरी करतीं हैं। लोग अपनी मन्नत मांगते समय मंदिर की दीवारों पर सतिया भी बनाते हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि ऐसा करने पर देवी मां उनकी मनोकामना पूरी करतीं हैं।
सरगना चढ़ाते थे घंटा
बुजुर्ग बताते हैं कि इस इलाके में 60-70 और 80 के दशक में दस्यु (डकैतों) गिरोहों का जबरदस्त प्रभाव था। उस समय के मशहूर दस्यु गिरोहों में छविराम और पोथी प्रमुख थे। इसके अलावा कई अन्य छोटे गिरोह भी थे। यह सभी गिरोह किसी भी घटना को अंजाम देने से पहले देवी स्योर मंदिर पर माथा टेकने अवश्य जाते थे। कार्य मे सफलता के लिए मनौती मांगते थे। जब मनौती पूरी होती तो दस्यु सरदार देवी पर प्रसाद और घंटा चढ़ाते थे, क्योंकि उनको लगता था कि देवी के मंदिर पर माथा टेकने के बाद कार्य करने से उनका कार्य सफल होता था। इस तरह देवी स्योर डकैतों की आराध्य कही जाने लगी।
बुरी नियत वाले का होता है नाश
स्थानीय निवासी अरुण पालीवाल एवं सुमित विजयवर्गीय बताते हैं कि बुरी नियत से मंदिर पर आने वाले को देवी अवश्य दंडित करतीं हैं। वे एक घटना के बारे में बताते हैं कि मंदिर पर एक बाबा रहते थे। रात में डकैत आए वह मंदिर प्रांगण में किसी को मारना चाहते थे। बाबा ने मना किया तो डकैतों ने बाबा पर सात गोलियां दाग दीं। घटना के बाद डकैतों को दिखाई देना बंद हो गया था। देवी की कृपा से बाबा सात गोली लगने के बाद भी पुलिस चौकी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद सभी डकैत पकड़ लिए गए।
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