लखनऊ: KGMU में डॉक्टरों पर हमला, अवैध कब्जा हटाने पहुंची थी टीम, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू
13.png)
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक अधिकारी और डॉक्टरों पर हमला हुआ है। यह हमला एक समुदाय विशेष की तरफ से होना बताया जा रहा है। हमले से डॉक्टरों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
दरअसल, केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग के पीछे एक मजार बनी है, उसी मजार के आसपास कुछ दुकानें भी हैं। जिसे हटाने की जानकारी देने शनिवार को केजीएमयू प्रशासन के डॉक्टर पहुंचे थे। इस दौरान डॉक्टरों पर हमला हो गया, जिसमें दो प्रोफेसर समेत 4 डॉक्टरों को चोटें आईं हैं।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर के. के. सिंह ने बताया कि नेत्र रोग विभाग के पीछे अवैध कब्जे को हटाने के लिए पहले ही नोटिस जारी की गई थी। जिला प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी गई थी। आज जब केजीएमयू प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो वहां मौजूद विशेष समुदाय के लोगों ने डॉक्टरों पर हमला बोल दिया। जिसके बाद डॉक्टरों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
अवैध अतिक्रमण से बन रहा डार्क स्पॉट
डॉ. केके सिंह ने बताया कि मजार के चारों तरफ अवैध तरीके से लोग रह रहे हैं, जिससे यह डार्क स्पॉट बन गया है। यह महिला चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि आज जिस तरह से डॉक्टरों पर हमला हुआ और उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा, उससे डॉक्टरों में भारी असुरक्षा पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि केजीएमयू की जगह पर मौजूद कब्जा शाम तक खाली नहीं होगा, तो हम लोग पैदल मार्च निकालेंगे और मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपनी समस्या रखेंगे।
नहीं हटाई जायेगी मजार
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) प्रशासन द्वारा नेत्र विभाग के पीछे स्थित क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि केवल अतिक्रमित भूमि को ही खाली कराया जा रहा है, जो कि केजीएमयू की संपत्ति है।
प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि नेत्र विभाग के पीछे स्थित मजार (शाहमीना शाह) को पूर्ववत स्थिति में ही रहने दिया जाएगा और उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, मजार (शाहमीना शाह) को छोड़कर अन्य सभी अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है, ताकि इस क्षेत्र का उपयोग मरीजों की सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए किया जा सके। केजीएमयू प्रबंधन का उद्देश्य इस स्थान को जनकल्याण के कार्यों में लाना है।
प्रशासन ने आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस अभियान का मकसद केवल चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाना और परिसर को अतिक्रमण मुक्त करना है।
लोग समान लेकर जाने लगे
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे यहां कई सालों से रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से उन्हें कोई भी नोटिस नहीं दी गई। दोपहर बाद प्रशासन की सख्ती से मजार के आसपास रह रहे लोगों ने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ेः उत्तर प्रदेश से 1800 से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक जाएंगे वापस, पहलगाम हमले के बाद एक्शन में योगी सरकार