12वीं में प्रतिशत की चिंता छोड़ें, उच्च शिक्षा में टेस्ट से मिलेगा प्रवेश
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मार्कण्डेय पाण्डेय, लखनऊ, अमृत विचार: यूपी बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम घोषित हो चुका है। निसंदेह परीक्षा में अच्छे अंक लाना सराहनीय है, लेकिन जिन छात्रों के अंक प्रतिशत कम हैं वह मायूस न हों। स्नातक की पढ़ाई में बोर्ड परीक्षाओं में अंक प्रतिशत की कोई भूमिका नहीं होगी। उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए 12वीं उत्तीर्ण होना ही पर्याप्त है। सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी इंट्रेस टेस्ट) हो या विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के अंक ही आपके विषय और प्रवेश की दिशा तय करेंगे, इसलिए अंकों को लेकर छात्र-छात्राएं तनावग्रस्त बिलकुल न हों।
बोर्ड परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों की मौलिक प्रतिभा का आंकलन लगभग समाप्त होता जा रहा है। यही कारण है कि सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के परिणाम के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी करना ही बंद कर दिया है। आपके भविष्य की दिशा तय करने में बोर्ड परीक्षाओं का उत्तीर्ण होना सिर्फ पड़ाव भर है। सीबीएसई बोर्ड के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉक्टर जावेद आलम खान कहते हैं कि स्कूली परीक्षा के जो प्राप्तांक होते हैं वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता की गारंटी नहीं हो सकते। हमारे संस्थान में अनेक ऐसे छात्र रहे हैं जो हाईस्कूल, इंटरमीडिएट में औसत छात्र होने के बाद भी आईआईटी और नीट जैसी परीक्षाओं में आश्चर्यजनक परिणाम देते रहे हैं। अब बोर्ड के अंक केवल व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में शामिल होने के योग्य बनाते हैं।
सीयूईटी, जेईई, नीट, क्लैट आदि में बोर्ड का महत्व खत्म
देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश अब सीयूईटी के माध्यम से होने लगा है। जिसके लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है। इस परीक्षा में आपके सामान्य ज्ञान, सामान्य अभिरुचि, तर्कशक्ति और भाषा संबंधित ज्ञान का परीक्षण होता है। इसमें आपके अंक ही आपके विषय और प्रवेश को तय करेंगे। राज्य विश्वविद्यालयों ने भी मेरिट जारी करना बंद कर दिया है।
बीबीए के लिए 50 प्रतिशत पर्याप्त
बीबीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना है तो बोर्ड में आपके 50 प्रतिशत अंक पर्याप्त हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय भी अब प्रवेश परीक्षा के माध्यम से छात्रों का दाखिला ले रहा है। जहां पर उच्च शिक्षा में दाखिला के लिए अलग विषयों के अलग-अलग बोर्ड के न्यूनतम अंक निर्धारित हैं। छात्रों की मौलिक प्रतिभा को बढ़ाने के लिए और प्रतियोगिता का दबाव कम करने के लिए आईआईटी और बडे तकनीकी संस्थान प्रवेश के लिए 75 प्रतिशत को योग्य मानते हैं। जबकि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने इसे महज 45 प्रतिशत तय किया है।
बारहवीं बोर्ड में कम नंबर पाने वाले छात्र निराश बिलकुल न हों। आपकी प्रतिभा मेहनत आपको आगे सफल करेगी। अब प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही आपको उच्च शिक्षा में प्रवेश मिलेगा। इसलिए अपने विषय पर पकड़ को मजबूत करें और लगन से तैयारी करें। दस सालों के पेपर्स मॉक टेस्ट के रूप में दें। आपको सफलता निश्चित मिलेगी।
पवन मिश्र, कैरियर एक्सपर्ट, विद्यामंदिर क्लासेज, लखनऊ
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