राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- बुजुर्ग अतीत की कड़ी और भविष्य के मार्गदर्शक होते हैं

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Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुजुर्गों को अतीत की कड़ी और भविष्य का मार्गदर्शक बताते हुए कहा है कि सभी को उनके मार्गदर्शन को महत्व देकर उनके बहुमूल्य सानिध्य का आनंद लेना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मू ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए पहल - ‘सम्मान के साथ वृद्धावस्था’ नामक कार्यक्रम में भाग लिया। 

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक कल्याण पोर्टल का शुभारंभ, वरिष्ठ नागरिक के लिए आवासों का वर्चुअल उद्घाटन, सहायक उपकरणों का वितरण और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा ब्रह्माकुमारी संगठन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। 

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। आमतौर पर परिवारों में देखा जाता है कि बच्चे अपने दादा-दादी के साथ बहुत सहज होते हैं। बुजुर्ग परिवार के लिए भावनात्मक स्तंभ की तरह काम करते हैं। जब बुजुर्ग अपने परिवार को फलते-फूलते देखते हैं तो वे भी शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहते हैं। 

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक और भागदौड़ भरी जिंदगी में वरिष्ठ नागरिकों का सहयोग, प्रेरणा और मार्गदर्शन युवा पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है। वरिष्ठ नागरिकों के पास जो अनुभव और ज्ञान है, वह युवा पीढ़ी को जटिल चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था आध्यात्मिक रूप से खुद को सशक्त बनाने, अपने जीवन और कार्यों का विश्लेषण करने तथा सार्थक जीवन जीने का भी एक चरण है। आध्यात्मिक रूप से सशक्त वरिष्ठ नागरिक देश और समाज को अधिक समृद्धि तथा प्रगति की ओर ले जा सकते हैं। 

राष्ट्रपति ने कहा , “ बुजुर्ग अतीत की कड़ी होते हैं और भविष्य के मार्गदर्शक भी होते हैं। एक राष्ट्र के रूप में यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारे वरिष्ठ नागरिक अपना बुढ़ापा गरिमा और सक्रियता के साथ जिएं।” 

उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बना रही है ताकि वे जीवन के सभी पहलुओं में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। उन्होंने सभी नागरिकों से बुजुर्गों की खुशी और भलाई के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने, उनके मार्गदर्शन को महत्व देने और उनकी बहुमूल्य संगति का आनंद लेने का आग्रह किया।  

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