विश्व कछुआ दिवस आज, विभिन्न राज्यों में कछुआ संरक्षण की दिशा में खास फोकस कर रही योगी सरकार 

विश्व कछुआ दिवस आज, विभिन्न राज्यों में कछुआ संरक्षण की दिशा में खास फोकस कर रही योगी सरकार 

लखनऊ, अमृत विचार। जीव-जंतु के प्रति अनुराग रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कछुआ संरक्षण की दिशा में भी अभूतपूर्व कदम बढ़ाए गए हैं। 23 मई को विश्व कछुआ दिवस है। कछुआ की जैव समृद्धता व उनके संरक्षण के लिए जनजागरूकता पैदा करने के लिए वर्ष 2000 से विश्व कछुआ दिवस का आयोजन किया जाता है। विभिन्न राज्यों से पकड़े गए कछुओं को उत्तर प्रदेश में लाकर संरक्षित किया जा रहा है।

कुकरैल, सारनाथ व चंबल में कछुआ संरक्षण केंद्र तथा प्रयाग के पास कछुआ अभयारण्य केंद्र की स्थापना की गई है। भारत में कछुआ की 30 प्रजाति पाई जाती है, इसमें से 15 उत्तर प्रदेश में मिलती हैं। योगी सरकार का इनके संरक्षण व संवर्धन पर पूरा जोर है। कछुआ धरती पर पाया जाने वाला सबसे प्राचीन व लम्बी आयु का प्राणी है। यह जलीय पारितंत्र का महत्वपूर्ण घटक भी है। यह पानी के सफाई कर्मी के रूप में भी जाना जाता है। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर प्रदेश के इतिहास में विभिन्न रूपों में इनका जिक्र है। कच्छप अवतार के रूम में तो कच्चा हमारी परंपरा में पूजनीय भी है।

भारत में 30 प्रजातियां पाई जाती हैं, इनमें से 15 यूपी में

कछुए की 30 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं। इनमें से 15 प्रजातियां उत्तर प्रदेश में पाई जाती हैं। इनमें से ब्राह्मणी, पचेड़ा, कोरी पचेड़ा, कालीटोह, काला कछुआ, हल्दी बाथ कछुआ, साल कछुआ तिलकधारी, ढोर कछुआ, भूतकाथा कछुआ, पहाड़ी त्रिकुटकी कछुआ, सुंदरी कछुआ, मोरपंखी कछुआ, कटहवा लिथरहवा, स्योंटर फाइटर, पार्वती कछुआ आदि प्रमुख हैं।

प्रदेश सरकार के निर्देशन में वन-वन्यजीव विभाग कछुआ संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्यरत है। प्रदेश के तीन केंद्रों के माध्यम से कछुआ संरक्षण किया जा रहा है तो वहीं कछुआ के व्यापार पर भी अंकुश लगाया जा रहा है। अन्य राज्यों में भी पकड़े गए कछुओं को उत्तर प्रदेश में लाकर पुनर्वासित किया जाता है।-अनुराधा वेमुरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव), उत्तर प्रदेश

 

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