Kanpur News :सीएसजेएमयू में शुरू होगा मनोविज्ञान से जुड़े दो नए कोर्स
कोर्स की मान्यता के लिए हाल ही में आरसीआई की ओर से हुआ निरीक्षण
शहर के युवाओं को अब कोर्स करने के लिए बाहर नहीं जाना होगा
अमृत विचार। सीएसजेएमयू में मनोविज्ञान से जुड़े दो नए कोर्स इसी सत्र से शुरू हो रहे हैं। कोर्स के शुरू होने के बाद विश्वविद्यालय शहर में पहला ऐसा शैक्षिणक संस्थान होगा जहां पर बीएससी क्लीनिकल साइकलॉजी और एमए क्लीनिकल साइकलॉजी की पढ़ाई होगी। ऐसे में कोर्स के संचालित होने से इस कोर्स को करने वाले युवाओं को शहर छोड़कर बाहर नहीं जाना होगा। कोर्स को संचालित होने के लिए आरसीआई का सर्वे हाल ही हो चुका है। माना जा रहा है कि जून से इस कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
मनोविज्ञान के बढ़ते स्कोप को देखते हुए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में युवाओं को नई सुविधा मिलने वाली है। इस सुविधा के तहत विश्वविद्यालय में 4 साल का बीएससी क्लीनिकल साइकलॉजी कोर्स शुरू होने जा रहा है। इस कोर्स को बारहवी पास युवा भी कर सकेंगे। माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय में 30 सीटों पर यह कोर्स संचालित होगा। इसी तरह एमए क्लीनिक साइकलॉजी भी स्नातक पास युवाओं को 2 साल के लिए आूफर हो सकेगा। कोर्स की शुरुआत के लिए हाल ही में रिहेब्लिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम की ओर से सर्वे किया जा चुका है।
सर्वे के बाद माना जा रहा है कि दोनो ही कोर्स के लिए जून से प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत हो जाएगी। दोनो ही कोर्स के लिए बतया गया कि यह दोनो ही कोर्स की पढ़ाई के लिए फिलहाल शहर में सुविधा नहीं थी। इस कोर्स को करने के लिए शहर के युवाओं को शहर छोड़कर दिल्ली एनसीआर का रुख करना होता था। ऐेसे में कोर्स की मांग के चलते इसे विश्वविद्यालय में शुरू करने किया जा रहा है।
युवाओं को मिलने वाली सुविधा पर स्कूल ऑफ आट्स ह्यूमिनटीज एंड सोशल साइंस की निदेशक डॉ. किरण झा ने बताया कि दोनो कोर्स की मांग इस समय काफी अधिक है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ आट्स ह्यूमिनटीज एंड सोशल साइंस में कोर्स के शुरू होने के बाद युवाओं की कोर्स करने के प्रति कठिनाई को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
समाज में बढ़ रही मांग
मनोविज्ञान विषय की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस कोर्स को करने के बाद युवा अपनी खुद की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न स्कूलों और शैक्षिणक संस्थानों में मनोवैज्ञानिक के रूप में भी युवा जॉब हासिल कर सकते हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि कई बड़े शहरों में विभिन्न कॉरपोरेट ऑफिस में भी मनोवैज्ञानिकों को आकर्षक पैकेज में जॉब ऑफर होती है।
सीएसजेएमयू में फाइन आर्ट्स में प्रवेश शुरू
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में बैचलर आफ फाइन आर्ट व मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स में प्रवेश शुरू हो गए हैं। युवा विवि की वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण करा प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। पंजीकरण के बाद युवाओं को काउंसिलिंग के लिए विवि आना होगा। विवि आने पर अपने प्रमाण पत्रों को भी सत्यापित कराना होगा।
सीएसजेएमयू के स्कूल आफ क्रिएटिव एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) चार वर्षीय, मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए) द्वि वर्षीय के साथ पेटिंग एवम अप्लाइड आर्ट्स में एक वर्षीय सर्टिफिकेट संचालित हो रहे हैं । बीएफए व एमएफए में मुख्य रूप से तीन विधाओं में पाठ्यक्रम संचालित हैं अप्लाइड आर्ट्स, चित्रकला एवं मूर्ति कला , बीएफए के प्रथम वर्ष में स्टूडेंट्स को तीनों पाठ्यक्रमों को पढ़ाया जाता है। विद्यार्थी के रुचि के अनुसार द्वितीय वर्ष में उसे मनचाहे विधा में प्रवेश दे दिया जाता है जिससे वह उसे पूरी लगन के साथ इसमें अध्ययन कर अपनी प्रतिभा का विकास कर सके ।
संस्थान की उपलब्धियां
संस्थान से पढ़े हुए स्टूडेंट्स वर्तमान में कला के क्षेत्र में अपना एक खास मुकाम बना रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री, ग्राफिक डिजाइनिंग, चित्र निर्माण, मूर्ति निर्माण में युवा अपना जौहर दिखा रहे हैं। इसके अलावा यहां से पढ़ाई करने के बाद युवा विभिन्न विश्वविद्यालय, कालेजों और स्कूलों में भी शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
फाइन आर्ट्स के क्षेत्र में संभावनाएं
इस कोर्स के बाद युवा एक ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट डायरेक्टर, आर्ट डिजाइनर, लोगो डिज़ाइनर, आर्ट हिस्टोरियन, गैलरी क्यूरेटर, एनीमेशन डिजाइनर के रूप में नाम व पैसा दोनों कमा सकते हैं। इसके अलावा यदि आपकी रुचि एकेडमिक में है तो आप सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में कला शिक्षक के रूप में कार्य कर सकते हैं । इसमें आगे एमएफए के बाद पीएचडी करके कॉलेज व विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं ।
यह भी पढ़ें:- Suicidal steps : सुसाइड नोट लिखकर मुनीम ने दुकान में फंदा लगाकर की खुदकुशी
