बदायूं : एजेंट पर एफडी और आरडी खुलवाने का दवाब बनाते थे कंपनी मालिक
लोगों के करोड़ों रुपये लेकर फाइनेंस कंपनी अमर ज्योति के फरार होने का मामला
बदायूं, अमृत विचार। जिले के सैकड़ों लोगों के रुपये लेकर अमर ज्योति फाइनेंस कंपनी फरार हो चुकी है। इसके बाद से निवेशकों के अलावा खातों में जमा करने के लिए उनसे रुपये लेकर जाने वाले एजेंट और उनके परिजन परेशान हैं। कंपनी में कई साल से निवेशकों को समय से रुपये देकर भरोसा जताया था। इसके लिए कंपनी के मालिक एजेंट पर ज्यादा से ज्यादा एफडी और आरडी खुलवाने का दवाब बनाते थे। ऐसा न करने पर उनका वेतन या मानदेय न देने की चेतावनी देते थे।
मीरा सराय रोड पर कई साल से अमर ज्योति फाइनेंस कंपनी का कार्यालय था। लोगों के अनुसार कंपनी ने कई साल से भागने की तैयारी की थी। इसकी वजह से एफडी, आरडी आदि के खाते खुलवाने वालों की मैच्योरिटी होने के बाद भी रुपये नहीं दिए गए। उन्हें दिलासा देने के लिए टोकन दिए, लेकिन रुपये नहीं मिले। बताया जा रहा है कि कंपनी ने शहर में तकरीबन 200 से 300 एजेंट बनाए थे। जो लोगों के पास जाकर उनके खाते खुलवाते थे और नियमित रुपये लेकर आते थे। इसके एवज में उन्हें वेतन या कमीशन के रूप में मानदेय दिया जाता था। एजेंटों के अनुसार शहर निवासी तीन सगे भाई बहन कंपनी के डायरेक्टर के रूप में काम करते थे। युवती मैच्योरिटी के समय टोकन देने का काम करती थी। उसका एक भाई पासबुक जमा करने और निकालने और तीसरा भाई रुपये मालिक तक पहुंचाने का काम करता था। कंपनी के मालिक के सगे भांजे बरेली निवासी अमित कुमार मौर्य का काम कंपनी में ग्राहकों के एफडी कार्ड और कर्मचारियों व एजेंट का वेतन व लेनदेन का हिसाब रखने का था। इन सबसे ऊपर कंपनी मालिक शशिकांत मौर्य के बेटे विशू मौर्य का काम वर्कर्स पर नजर रखना था। वह सभी लोग फरार हैं। कंपनी के एजेंटों के अनुसार कंपनी की ओर से एजेंट पर ज्यादा से ज्यादा एफडी और आरडी खुलवाने का दवाब बनाया जाता था। वर्ना उनका वेतन रोकने की धमकी दी जाती थी। कंपनी की ओर से दिया गया लक्ष्य पूरा न होने पर सभी को नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती थी। कंपनी ने एजेंट का दो साल से वेतन भी नहीं दिया है।
कंपनी के एजेंट फरार, परिजन परेशान
कंपनी के भागने के बाद से निवेशक अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर परेशान हैं। वहीं उनके खाते खोलने वाले एजेंट के सामने भी दिक्कत है। निवेशक एजेंट के घरों पर जाकर रुपये वापस दिलाने का दवाब बना रहे हैं। जिसके चलते ज्यादातर एजेंट घर से फरार हो गए हैं। अपना मोबाइल फोन भी बंद कर दिया है। उनके परिजन परेशान हैं। एजेंट की पत्नी और माताएं गुरुवार को सदर विधायक से मिलने उनके आवास पहुंचे, लेकिन उनकी व्यस्तता की वजह से मुलाकात नहीं हो सकी।
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