कानपुर : सिंगल पिलर पर बनेगी नरोना से किदवई नगर तक एलिवेटेड रोड
पूरी छह किलोमीटर सड़क को एलिवेटेड नहीं बनाया जाएगा
अमृत विचार : नरोना चौराहा से घंटाघर, टाटमिल होते हुए किदवई नगर तक जाने वाली सड़क पर एलिवेटेड रोड का निर्माण सिंगल पिलर पर होगा। इसके निर्माण से घंटाघर, नरोना चौराहा, टाटमिल चौराहा और किदवई नगर चौराहा पर लगने वाला जाम समाप्त हो जाएगा। साथ ही लोगों को आवागमन में भी आसानी होगी। नरोना चौराहा से किदवई नगर की दूरी छह किलोमीटर है। यह एलिवेटेड रोड पूरी छह किलोमीटर नहीं बनेगी, जहां- जहां जरूरत है वहीं इसका निर्माण होगा। जल्द इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी। चूंकि केडीए इसके निर्माण के लिए धनराशि खर्च करने जा रहा है ऐसे में शासन से बजट लेने की आवश्यकता नहीं होगी। प्रोजेक्ट भी आसानी से निर्धारित अवधि में पूरा हो जाएगा।
शहर में जाम बड़ी समस्या है। दक्षिण क्षेत्र जैसे किदवई नगर, नौबस्ता,गोविंद नगर, यशोदानगर, कर्रही, बर्रा, विश्व बैंक बर्रा, साकेत नगर, बारादेवी आदि इलाकों में रहने वाले लोगों को सिविल लाइंस, घंटाघर, मालरोड, आर्यनगर , स्वरूप नगर आदि क्षेत्रों में आने के लिए कई जगहों पर जाम से जूझना पड़ता है। कई बार तो लोगों की ट्रेन तक छूट जाती है क्योंकि किदवईनगर की तरफ से आते समय सबसे ज्यादा जाम टाटमिल चौराहे पर लगता है। टाटमिल चौराहा पार करने के बाद घंटाघर पुल और घंटाघर चौराहे पर जाम से जूझना पड़ता है। इसी तरह जो लोग गोविंद नगर की ओर से फजलगंज होकर सेंट्रल स्टेशन या सिविल लाइंस आते हैं उन्हें चावला मार्केट व नंदलाल चौराहा, फजलगंज में जाम की समस्या से दो चार होना पड़ता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए ही शहर में कई जगहों पर एलिवेटेड रोड बनाए जाने हैं। मरियमपुर चौराहा से बर्रा बाईपास तक और नरोना चौराहा से घंटाघर, टाटमिल होते हुए किदवई नगर तक एलिवेटेड रोड बनना है। जल्द ही केडीए इस बात का निर्धारण कर लेगा कि नरोना चौराहा से किदवई नगर के बीच कहां- कहां एलिवेटेड रोड बनेगी। इसके निर्माण में 750 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।
300 करोड़ से बनेगी वीआईपी मार्ग पर एलिवेटेड रोड
कानपुर। वीआईपी रोड पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए वीआईपी रोड पर तीन लेन की एलिवेटेड रोड बनेगी। इस मार्ग का निर्माण मेघदूत तिराहा से मिलन गेस्ट हाउस तक होगा। इस मार्ग पर छह साल पहले एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनी थी। तब लोक निर्माण विभाग ने इसकी लागत 125 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन उस समय उचित पैरवी न हो पाने के कारण प्रोजेक्ट की फाइल आलमारी में बंद हो गई थी। अब मंडलायुक्त ने जाम की समस्या के समाधान को लेकर प्रक्रिया शुरू की है तो उम्मीद है कि जल्द ही इसके निर्माण के लिए टेंडर व अन्य कार्य होंगे। वीआईपी रोड के आसपास कई डिग्री कॉलेज, इंटर कालेज और कक्षा एक से इंटर तक के स्कूल हैं। इसके साथ ही न्यायालय, कलेक्ट्रेट, पुलिस आफिस, आनंदेश्वर मंदिर भी है। इस वजह से इस मार्ग पर जबरदस्त भीड़ लगती है और इस वजह से जाम लग जाता है।
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