अमृत विचार आपके द्वारः भूमि पूजन दो बार, सड़क एक बार भी नहीं बनीं, 15 साल पुरानी कॉलोनी में रहते है करीब 20 हजार लोग
लखनऊ, अमृत विचार : बात फैजुल्लागंज चतुर्थ वार्ड के राम विहार कॉलोनी की। कच्चे उबड़-खाबड़ रास्ते, उन पर बहता सीवर का गंदा पानी। बरसात सिर पर है। ऐसे में बारिश के बाद इन कच्चे मार्गों के हालातों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिसलन भरे इन मार्गों पर लोग कैसे चलेंगे। लेकिन जिम्मेदार सिस्टम सो रहा है। दिलचस्प यह है कि जनप्रतिनिधियों ने यहां की कई सड़कों का भूमिपूजन कर लोगों को झूठी तसल्ली दे डाली। एक मार्ग तो ऐसा है जहां दो बार भूमिपूजन हुआ लेकिन सड़क एक बार भी नहीं बनीं। जनप्रतिनिधियों के इस गजब खेल से लोगों में जबरदस्त आक्रोश है। ''अमृत विचार आपके द्वार'' टीम रविवार को जब कॉलोनी पहुंची तो समस्याएं बताने के लिए स्थानीय लोग गुस्से से फट पडे़। लोगों की भीड़ पूरी कॉलोनी की समस्याओं को दिखाती नजर आई।
अपने खर्च पर मलबा डलवाकर चलने लायक बनवाया
करीब 15 साल पहले यह कॉलोनी विकसित हुई थी। वर्तमान में करीब 20 हजार लोग निवास कर रहें हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी के अधिकतर रास्ते कच्चे हैं। पार्षद और विधायक से कई बार सड़कों को बनवाने की गुहार लगाई गई। आरोप है कि द ओएफ स्कूल वाली करीब 150 मीटर मुख्य सड़क और राम नरेश यादव के घर से प्रदीप अवस्थी के घर तक 100 मीटर के मार्ग का करीब एक साल में विधायक द्वारा दो बार भूमिपूजन कर सड़क बनाने की बात कही गई, लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया जा सका है। फिलहाल लोगों ने अपने खर्च पर मलबा डलवाकर सड़क को किसी तरह चलने लायक बनाया है।
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सीवर का अधूरा कार्य, प्लाटों में भर रहा पानी
स्थानीय लोगों ने बताया पूरी कॉलोनी में सीवर का कार्य पूरा नहीं कराया गया। जो काम हुआ भी है उसकी कनेक्टिंग न होने के कारण सीवर ओवरफ्लो होकर उसका गंदा पानी खुले प्लाटों में भर रहा है। इससे हर समय आती दुर्गन्ध से लोग परेशान हैं।
बारिश में डराता है डेंगू का डंक
स्थानीय लोगों के मुताबिक बरसात में जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण भीषण जलभराव झेलन पड़ता है। हर साल यहां डेंगू का डंक लोगों को डराता है। डेंगू के अधिक मामले इस कालोनी से निकलते हैं। गंदगी के कारण डायरिया सहित मच्छरजनित अन्य बीमारियों का प्रकोप भी यहां खूब रहता है। बारिश के दिनों में कई बीमारियों से लोग प्रभावित रहते हैं।
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जलभराव हुआ समझो बच्चे घरों में हुए कैद, पढ़ाई प्रभावित
लोगों के मुताबिक बरसात में जलभराव होने के कारण रास्ते बंद होने से लोग घरों में कैद होकर रह जाते हैं। बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते। बुजुर्ग मजबूरीवश ही घर से बाहर निकलते हैं। और तो और किसी मरीज के बीमार होने की स्थिति में यहां एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है।
वाटर लाइन नहीं पड़ी
पूरे क्षेत्र में पेयजल की भीषण समस्या है। जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाने के बावजूद वाटर लाइन नहीं बिछवाई गई, जबकि सभी लोग टैक्स भी अदा करा रहे हैं। कॉलोनी के कुछ समर्थ लोगों ने तो अपने घरों में सबमर्सिबल लगवा रखा हैं। लेकिन अन्य जरूरतमंद लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।
ममता त्रिपाठी बताती हैं कि जनप्रतिनिधियों ने नारियल फोड़ कर सड़क बनाने का झूठा वादा कर लोगों के साथ छल किया है। इससे लोगों में नाराजगी है। बरसात में जलभराव होने पर लोग विरोध-प्रदर्शन भी करेंगे।
बोले स्थानीय निवासी: कहा समस्याओं का निदान चाहिए
-सड़क निर्माण के लिए एक वर्ष में दो बार शिलान्यास हो चुका है। इसके बावजूद भी अभी तक जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली है। जिम्मेदार सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं काम नहीं करवा रहे हैं। –दिव्या पाण्डेय
-हम लोग 2010 से इस कालोनी में रह रहे हैं। जर्जर सड़क की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई बार नगर निगम, पार्षद और विधायक से फरियाद कर चुके है लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। –रामजी मिश्रा
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-यहां गदंगी के कारण मच्छर पनपते हैं। जिनसे बीमारियां फैलती हैं। बुजुर्ग से लेकर बच्चे आये दिन बीमार पड़ रहते हैं। समस्याओं को लेकर कई बार पार्षद को अवगत कराया लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं। –प्रीति गुप्ता
-यहां सामान्य दिनों में भी जलभराव की समस्या बनी रहती है। बारिश में स्थिति और भी विकट हो जाती है। बारिश में घुटनों तक पानी भर जाता है जिससे आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। –सोनम सिंह
-गंदगी के कारण मलेरिया और डेंगू का प्रकोप रहता है। शहर में सबसे ज्यादा केस फैजुल्लागंज की कालोनियों में निकलते हैं। इसके बावजूद नगर निगम लापरवाह बना है। फागिंग तक कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। –प्रियंका वाजपेयी
-घर से निकलने वाले पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से गंदा पानी सड़क पर इकठ्ठा होता है और गंदगी फैलती है। कच्चे मार्ग पर फिसलन होती है। फिर भी जिम्मेदार झांकने को तैयार नहीं हैं। –अभिषेक पाण्डेय
-सीवर लाइन न होने से घर का गंदा पानी खाली प्लाटों पर इकठ्ठा हो रहा है। गंदगी होने से मच्छर पनप रहे है और बीमारियां फैल रहीं है। डेंगू के डंक से लोग परेशान हैं। बच्चों को लेकर हर घर परेशान हैं। –रेखा पाण्डेय
-बिजली के तार घरों से होकर गुजर रहे हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। कई बार बिजली विभाग में शिकायत की मगर कोई सुनवाई नहीं। बारिश का मौसम शुरू होने वाला है। पहले ही चेत जाएं तो बेहतर होगा। –राम किशोर तिवारी
-पेयजल की समस्या से लोगों को रोजाना जूझना पड़ता है। कालोनी में पानी की पाइप लाइन नहीं बिछी है जिससे पीने के पानी की समस्या होती है। या तो सबमर्सिबिल लगवाओं या गंदा पानी जमा करो। –प्रमोद कुमार सिंह
नगर निगम के कर्मचारी सफाई करने नहीं आते हैं। कालोनी के लोगों ने कई बार पार्षद से लेकर नगर निगम में शिकायत की और प्रार्थना पत्र भी दिया लेकिन समस्या में कोई सुधार नहीं। न सफाई कर्मी दिखा न पार्षद। -विवेक गुप्ता
-गाड़ी कूड़ा उठाने नहीं आती है जिससे लोग मजबूरी में कूड़ा खाली प्लाटों पर डाल देते हैं और गंदगी फैलती है। कूड़ा उठवाने तक के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि ध्यान देने को तैयार नहीं हैं। –योगेन्द्र तिवारी
-इस भीषण गर्मी में बिजली की आवाजाही से परेशानी है। एक बार बिजली जाने पर 3-4 घंटे बाद ही बिजली आती है। पानी तक एकत्र करने में पसीना छूट जाता है। जबकि रखरखाव को लेकर बिजली विभाग रोज नई गाइड लाइन जारी करता है। –प्रदीप अवस्थी
-पानी मिलता नहीं, जलभराव होना आम बात, सीवर उफनाता है। यहीं सब कालोनी की प्रमुख समस्याएं हैं जिसके निदान का आश्वासन तो सभी करते हैं लेकिन उन्हें पूरा कोई नहीं करता है। यह सब सिर्फ चुनाव तक ही सीमित रहता है। –अरविंद कुमार सिंह
-उबड़-खाबड़ कच्ची सड़क पर अपने खर्च से मलबा डलवाकर मार्ग को चलने लायक बनाया है लेकिन बारिश में इस सड़क पर वाहन बहुत फिसलेंगे। अभी समय है अधिकारी और पार्षद देख लें तो लोगों को राहत मिलेगी। –राजेन्द्र प्रसाद दुबे
-कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था यहां तो नहीं दिखती है। गंदगी के बीच हम लोग रहने को मजबूर हैं। बीमारियों से हर घर में कोई न कोई ग्रसित है। बारिश में हालात और विकराल हो जाते हैं। –राम किशोर पाठक
-जलभराव की वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। बारिश में घरों से निकलना किसी युद्ध से कम नहीं है। हर मार्ग पर जलभराव, फिसलन को लोग अपनी दिनचर्या में शामिल कर चुके हैं। –अशोक सिंह
''अमृत विचार आपके द्वार'' टीम- पंकज द्विवेदी, अमित पांडेय, राजकुमार वाजपेयी
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