बिना फायर सेफ्टी यंत्रों के दौड़ रही परिवहन निगम की कई बसें, जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे यात्री
लखनऊ, अमृत विचार। परिवहन निगम की कई बसें बिना फायर सेफ्टी यंत्रों के सड़क पर दौड़ रही हैं। यात्री जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं। आए दिन होने वाले अग्निकांडों के बाद भी जिम्मेदार मामूली अग्निशमन यंत्र तक बसों में नहीं लगा पा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या अनुबंधित बसों की है। शॉर्ट-सर्किट, फ्यूल पंप आदि में लीक की वजह से कई बसों में आग लग चुकी है।
परिवहन विभाग की ओर से बसों में सुरक्षा के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बसों में आग से बचाव के लिए संसाधन नहीं दिखते हैं। यही नहीं, बसों में फर्स्ट एड बॉक्स में सामान तक नहीं मिलेगा। बसों के रखरखाव को लेकर बुधवार को ''अमृत विचार'' टीम ने कैसरबाग डिपो की कई बसों के हालात खराब दिखे। इनमें कई अनुबंधित बसें ऐसी थीं जो सेफ्टी मानकों को पूरा नहीं कर रही थीं। ज्यादातर रूटों पर बसें बिना अग्निशमन यंत्रों की दौड़ती दिखीं, जिनमें बड़ी संख्या में यात्री बैठे मिले।
हादसों से नहीं लिया सबक आपातकालीन गेट पर सीट
अगर अचानक कहीं कोई दुर्घटना हो जाए और यात्रियों को जल्द बस से निकलना हो तो आपातकालीन गेट का इस्तेमाल किया जाना आसान नहीं है। आपातकालीन गेट पर कैसरबाग डिपो की कई बसों में आपातकालीन गेट पर ही सीट फंसी हुई मिली।
कैसरबाग के एआरएम योगेन्द्र ने बताया है कि डिपो की ज्यादातर बसों में अग्निशमन यंत्र हैं। अगर बसों में आग बुझाने के उपकरण नहीं मिलते हैं तो अनुबंधित बसों के मालिकों को अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बॉक्स लगाने के निर्देश दिए जाते हैं। इसके साथ ही अधिकारियों को भी बसों में अग्निशमन यंत्रों की जांच करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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