लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने सोनम रघुवंशी को बताया RSS की उपज, मामला दर्ज करने को लेकर थाने के चक्कर लगा रहे छात्र

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: कुलपति डॉ. आलोक कुमार राय के स्वीकृति के बाद भी लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन पर एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है। कुल सचिव विद्यानंद त्रिपाठी ने भी उच्च शिक्षा अनुभाग को सूचित कर दिया है।

एसोसिएट प्रो. रविकांत चंदन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में पति की हत्या की आरोपी सोनम रघुवंशी को संघ की विचारधारा की उपज बताया है। रविकांत ने लिखा है कि आरएसएस ने अपने हिंदुत्व की प्रयोगशाला के लिए बेटियों के हाथ में त्रिशूल और तलवार पकड़ा दी। उनके मन में विधर्मियों के खिलाफ हिंसा और नफरत पैदा की। इसका प्रभाव गुजरात और दिल्ली के दंगों में दिखाई दिया। हिंदी विभाग के यह शिक्षक अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखते हैं कि आज महिलाएं अगर अपने पतियों की हत्या करवा रही है तो इसके लिए सिर्फ आरएसएस की हिंसा और नफरत की विचारधारा जिम्मेदार है। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कार्तिक पांडेय और उनके साथियों ने हसनगंज थाने में एसोसिएट प्रो. रविकांत चंदन के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। कार्तिक बताते हैं कि पुलिस अधिकारियों को पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराए जा चुके हैं फिर भी पुलिस टालमटोल क्यों कर रही है यह हैरानी की बात है।

रविकांत की पोस्ट के वायरल होते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड्री महिलाओं में नाराजगी व्याप्त हो गई। नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मंजुला उपाध्याय ने एक्स पर पलटवार करते हुए लिखा कि प्रोफेसर को कुतर्क शोभा नहीं देता, यह कुत्सित मानसिकता की परिचायक है। त्रिशूल और तलवार की दीक्षा आत्मरक्षा के लिए दी जाती है।

डॉ. रविकांत का कहना है कि मेरी पोस्ट महिलाओं की शिक्षा के समर्थन में है, नफरत और हिंसा के खिलाफ है। मैंने अपनी पोस्ट में स्पष्ट लिखा है और मैं महिलाओं को कलम पकड़ाने का समर्थक हूं। मैं अंबेडकरवादी हूं और बाबा साहब महिलाओं को कलम पकड़ाने के समर्थक थे।

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