कानपुर : विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा के दो विधायकों के लेटर भी नहीं आए काम 

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Published By Vinay Shukla
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बिठूर विधायक और किदवई नगर विधायक, विधानसभा अध्यक्ष पर पड़े भारी 

कानपुर, अमृत विचार। जिलाधिकारी और सीएमओ के बीच चल रहे विवाद में भाजपा विधायक भी आकर कूद गए थे, जिनमे से न सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष, बल्कि भाजपा के दो और विधायकों को मुंह की खानी पड़ी। जबकि इसी मामले में भाजपा के दो विधायकों की जीत हुई, जिन्होंने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाए थे और उन्होंने सीएमओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। हालांकि जिलाधिकारी और सीएमओ के विवाद में सपा के दोनों विधायकों ने दर्शक की भूमिका निभाने का काम किया।  

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना व महाराजपुर से विधायक सतीश महाना ने उप उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी कानपुर नगर में कार्यरत है, इनका कार्य एवं व्यवहार आम जनता व जनप्रतिनिधियों के प्रति मृदुल एवं सराहनीय है। आम जनमानस के हित के लिए भारत सरकार व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन इन्होंने बड़ी ही लगन से संचालित किया है। मेरी प्रबल संस्तुति है कि जनपद के आम जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता की भावनाओं के सनादर में इन्हें यथावत् कानपुर नगर में ही बनाए रखे जाने पर विचार करने का कष्ट करें। 

एमएलसी विधायक सतीश महाना ने उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी का कार्य व व्यवहार आम जानमानस और जन प्रतिनिधियों के समक्ष मृदुल व सराहनीय है। आम जनमानस के हित में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सीएमओ द्वारा बहुत ही लगन से किया गया है। आग्रह है कि आम जानमानस व जन प्रतिनिधियों की भावनाओं के समादर में डॉ.हरिदत्त नेमी को यथावत् कानपुर नगर में ही बनाए रखे जाने के लिए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए। 

गोविंद नगर से भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने उप मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमे कहा था कि सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी का कार्य व व्यवहार आम जानता और जन प्रतिनिधियों के समक्ष मृदुल व सराहनीय है। आम जनमानस के हित में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन इन्होने बड़ी लगन से संचालित किया है। मेरी प्रबल संस्तुति है कि जनपद के आम जनप्रतिनिधियों एवं आम जनता की भावनाओं के सनादर में इन्हें यथावत् कानपुर नगर में ही बनाए रखे जाने पर विचार करने का कष्ट करें। 
 
बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमे उन्होंने कहा था कि सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के संरक्षण में सैकडों प्राइवेट अस्पताल अवैध रुप से संचालित है, मरीजों से मनमानी वसूली की जा रही है। अवैध प्राइवेट अस्पतालों से सीएमओ भारी धन उगाही करते है। सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हाल ही में वायरल एक ऑडियो क्लिप में सीएमओ द्वारा जिलाधिकारी, कानपुर नगर के खिलाफ की गयी अभद्र टिप्पणी से स्पष्ट है कि डॉ. हरि दत्तनेमी एक बेहद निरंकुश अधिकारी है। मांग की है कि सीएमओ के खिलाफ जांच करवाते हुए दोषी पाये जाने की दशा में कानपुर नगर से स्थानान्तरित करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया जाए। 

किदवईनगर विधायक महेश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिसमे उन्होंने सीएमओ का नाम लिए बगैर लिखा था कि जिलाधिकारी ने 15 अप्रैल के पत्र में उल्लेख किया है कि मात्र 3,4 महीने के कार्यकाल में ही स्वेच्छाचारिता और अराजकता से काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताएं की जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत होने वाली भर्ती में भी गड़बड़ी की गई है। स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन नहीं कराया गया है। एसीएमओ डॉ. आरएन सिंह का 10 दिन में 9 बार तबादला किया गया। वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह से वित्तीय अधिकार लेकर गैर वित सेवा के अधिकारी को कार्य सौंप दिया गया। जिलाधिकारी को निरीक्षणों में स्टाफ गैरहाजिर मिले, अभिलेखों में मरीजों की फर्जी संख्या-नाम दर्शाने वाले डॉक्टरों और स्टाफ पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उक्त कृत्य उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, मनमाने ढंग से कार्य करने, मातहतों पर नियंत्रण - न होने का द्योतक है। इसलिए जांच कर कार्रवाई की जाए।

सोशल मीडिया में एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमे एक व्यक्ति डीएम के खिलाफ अपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर रहा है। यह ऑडियो सीएमओ डॉ.हरिदत्त नेमी का बताया जा रहा है, जब इस संबंध में डीएम ने सीएमओ से जानकारी की तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया और इस ऑडियो को ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस द्वारा बनाकर बदनाम करना बताया। साथ ही सीएमओ ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया। ऑडियो वायरल होने के बाद डीएम ने सीएमओ को डैश बोर्ड की बैठक से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि इस ऑडियो की जांच होगी।

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