अमेठी: राजस्थान से नाबालिक लड़की को बरामद कर लौट रहे दारोगा की सड़क हादसे में मौत
अमेठी, अमृत विचार। थाना क्षेत्र में तैनात उपनिरीक्षक दारोगा मंजीत सिंह की शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। वे एक लापता नाबालिक युवती को बरामद कर टीम के साथ राजस्थान से वापस लौट रहे थे। हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर उन्नाव जिले के पास सुबह करीब 6 बजे हुआ।
जानकारी के अनुसार, तेज़ रफ्तार अर्टिगा कार, जिसे दारोगा मंजीत सिंह स्वयं चला रहे थे, एक प्राइवेट डबल डेकर बस में जा घुसी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दारोगा की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और मंजीत सिंह का शव करीब 30 मिनट तक स्टीयरिंग और सीट के बीच फंसा रहा।
स्थानीय लोगों की मदद से लोहे की रॉड की सहायता से कार का बोनट काटकर उनका शव बाहर निकाला गया। दारोगा मंजीत सिंह लखनऊ के सर्वोदय नगर के निवासी थे और उनकी उम्र लगभग 38 वर्ष थी। हादसे में हेड कॉन्स्टेबल प्रदीप तिवारी, युवती और उसके परिजन घायल हो गए, जिन्हें तुरंत बागरमऊ सीएचसी में भर्ती कराया गया है।
क्या था मामला?
तीन दिन पहले अमेठी के एक थाना क्षेत्र में एक नाबालिक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। सर्विलांस की मदद से पता चला कि युवती राजस्थान में है। इसके बाद एक पुलिस टीम दारोगा मंजीत सिंह के नेतृत्व में युवती को बरामद करने के लिए राजस्थान रवाना हुई थी। युवती को सफलतापूर्वक बरामद कर टीम अमेठी लौट रही थी, तभी यह हादसा हो गया। दारोगा मंजीत सिंह के निधन की खबर से पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोग और पुलिस अधिकारी दिवंगत अधिकारी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
पुलिस प्रशासन में शोक
वरिष्ठ अधिकारियों ने हादसे की जानकारी मिलते ही संवेदना व्यक्त की है। अमेठी पुलिस ने कहा है कि दारोगा मंजीत सिंह कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और साहसी अधिकारी थे। उनकी आकस्मिक मृत्यु से विभाग को अपूरणीय क्षति पहुंची है।
इस हादसे ने एक बार फिर दिखा दिया है कि पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कानून व्यवस्था बनाए रखने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे रहते हैं। दारोगा मंजीत सिंह का बलिदान हमेशा याद किया जाएगा।
