CHC पर टोटा, जिले में संचालित 20 सीएचसी में केवल एक में ही हो रही नेत्र सर्जरी, परेशान भड़क रहे मरीज
लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर नेत्र रोग विशेषज्ञों की कमी है। इससे मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इलाज और ऑपरेशन के लिए मरीज बड़े अस्पतालों की दौड़ लगाने को मजबूर है। वहीं, जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते नेत्र रोग विशेषज्ञ अटैचमेंट व प्रशासनिक पद पर तैनात हैं। जिसकी वजह से जिले की महज एक सीएचसी पर नेत्र सर्जरी हो पा रही है। हालांकि, सीएमओ ने सीएचसी पर नेत्र रोग सर्जन का पद स्वीकृत न होने की बात कही है।
राजधानी में 20 सीएचसी में केवल 5 नेत्र रोग सर्जन हैं। इसमें दो मोहनलालगंज सीएचसी पर सेवाएं दे रहे हैं, बाकी अटैचमेंट व प्रशासनिक पद पर डटे हैं। सीएमओ कार्यालय में डिप्टी व एडिशनल सीएमओ भी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। ये दोनों सिर्फ प्रशासनिक कार्य देख रहे हैं। इंटौजा सीएचसी पर तैनात नेत्र रोग सर्जन ने अपना अटैचमेंट रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में करा रखा है, जबकि यहां एक पद के सापेक्ष तीन नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। एडी मंडल के जरिये अटैचमेंट मार्च माह में समाप्त किया था। जिसके बाद भी डॉक्टर अपनी मूल तैनाती पर नहीं गए। ऐसे में इंटौजा सीएचसी पर नेत्र सर्जरी बंद पड़ी है। वॉक इन इंटरव्यू से चयनित विशेषज्ञ भी नेत्र रोग सर्जन यहां पर तैनात हैं। अपर निदेशक लखनऊ मंडल डॉ. जीपी गुप्ता के मुताबिक, एक महिला नेत्र रोग विशेषज्ञ को संबंधित जिले में भेजा गया था।
सीएचसी पर नेत्र सर्जन का पद स्वीकृत नहीं है। मोहनलालगंज सीएचसी पर कार्यरत विशेषज्ञ नेत्र सर्जरी में दक्ष हैं। जिनके जरिए सेवाएं दी जा रही हैं। रानीलक्ष्मीबाई अस्पताल में अटैच डॉक्टर की सेवाएं बेहतर हैं, सीएचसी पर नेत्र सर्जरी की सुविधा न होने से मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा।
-डॉ. एनबी सिंह, सीएमओ
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