परमिट की आड़ में धड़ल्ले से हो रही पेड़ों की अवैध कटाई : अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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बाराबंकी : वन विभाग के अधिकारियों पर वन माफियाओं से मिलीभगत कर पेड़ों की अवैध कटाई का गंभीर आरोप लगा है। वन क्षेत्र कार्यालय रामनगर के अंतर्गत आम, गूलर, महुआ और शीशम जैसे प्रतिबंधित पेड़ों की कटाई की जा रही है। परमिट से कई गुना अधिक पेड़ों की कटाई का खेल खुलेआम जारी है। यह स्थिति तब है जब सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण अभियान चला रही है।

ताजा मामला पुलिस चौकी तिलोकपुर के पास ग्राम जलुहामऊ से जुड़ा है। जहां छह से अधिक गूलर के पेड़ों की अवैध कटाई की गई। वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय से लगभग तीन किलोमीटर दूर ग्राम नहामऊ में एक दर्जन से अधिक आम और गूलर के पेड़ों को काटा गया। जिसपर विभाग ने अवैध कटाई के मामलों में केवल मामूली जुर्माना लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह कटाई डिप्टी रेंजर मोहित श्रीवास्तव की मिलीभगत से हो रही है। उनके लकड़ी ठेकेदारों और वन माफियाओं से करीबी संबंध बताए जाते हैं। जिसके चलते यहां पेड़ों की अवेध कटान बिना किसी रोकटोक के चलती रहती है। वहीं वन क्षेत्र अधिकारी अल्पना पांडे ने स्वीकार किया है कि विभाग के कुछ लोगों की अवैध कटाई में संलिप्तता है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सरयू नदी में 3800 मीटर ड्रेजिंग से दोनों किनारे सुरक्षित
नदी

सरयू नदी की तलहटी में बसे गांवों के लिए बड़ी राहत की खबर है। सिंचाई यांत्रिक खंड ने शासन के निर्देश पर नदी में ड्रेजिंग कार्य पूरा कर लिया है। इस कार्य से नदी के दोनों किनारे सुरक्षित हो गए हैं। विभाग ने करीब 3 माह में 3 हजार मीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा टनल बनाया है। साथ ही करीब 3800 मीटर ड्रेजिंग की गई है। इससे नदी की धारा अब बीच से होकर गुजरती है। पानी का दबाव कम होने से कटान का खतरा भी घट गया है। सरयू नदी में हर साल आने वाली बाढ़ से तलहटी के दर्जनों गांवों के सैकड़ों परिवार प्रभावित होते थे।

उन्हें घरों से पलायन करना पड़ता था। कई घर कटान के कारण नदी में समा चुके हैं। सनावा गांव के पूर्व प्रधान सुधीर सिंह ने बताया कि समाजसेवी व नेता स्वर्गीय विनोद कुमार सिंह के प्रयासों से शासन ने इस कार्य की मंजूरी दी थी। उन्होंने बताया हमारा गांव हर साल बाढ़ की चपेट में रहता है और बाढ़ के समय गांव की जमीन हमेशा कटकर नदी में समाहित हो जाती है। जिससे गांव पर भी खतरा मंडराता था किन्तु अब इस कार्य के हो जाने से कटान का खतरा कम हो गया है।

सरयू नदी के दाहिने तट पर स्थित सिरौली गूंग और आसपास के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए बाएं तट पर चैनल बनाया गया है। सिंचाई यांत्रिक खंड के सहायक अभियंता सर्वेश पटेल ने बताया कि कार्य पूर्ण हो चुका है। नए चैनल में नदी की धारा तीव्र होने से दाहिने तट पर पानी का दबाव काफी कम हो गया है। यदि यह चैनल नहीं बनाया जाता, तो पानी का दबाव अधिक होने से कटान तीव्र होती।

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