कानपुर : जरा-जरा सी बात पर आप हो रहे पैनिक तो समझो एंग्जाइटी ग्रस्त  

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Published By Vinay Shukla
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भागदौड़ भरी, अधिक या बेवजह तनाव लेना और नींद की कमी है इसकी वजह 

 कानपुर, अमृत विचार। लोगों की भागदौड़ भरी जिंदगी और व्यस्तम जीवनशैली का असर लोगों के दिमाग पर काफी पड़ रहा है। अधिक या बेवजह तनाव लेने से नींद बाधित हो रही है। लंबे समय तक यह प्रक्रिया बने रहने से लोग धीरे-धीरे जरा-जरा सी बात पर पैनिक हो जाते हैं, नतीजन वह अपने परिजन, मित्र, रिश्तेदार या कार्यालय में सहयोगियों को पर छोटी से छोटी बात पर गुस्सा करने और उनपर चिल्लाने लगते हैं। अगर आपके आसपास भी ऐसे व्यक्ति है तो उनका इलाज जरूर कराएं। क्योंकि यह एंग्जाइटी के लक्षण भी हो सकते हैं। लापरवाही घातक हो सकती है। 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मानिसक रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन ऐसे 10 से 12 मरीज पहुंचते हैं, जो एंग्जाइटी ग्रस्त रहते हैं। इनमे से कई मरीज ऐसे शमिल होते हैं, जो देखने में तो आम लोगों की तरह ही व्यवहार करते हैं, लेकिन अगर इनकी बात कोई अनसुनी करता है या इनके मनमुताबिक परिजन या सहयोगी कार्य नहीं करता है तो यह पैनिक हो जाते है, कभी-कभी यह लोग इतने आक्रोशित हो जाते है कि झगड़ा करने पर उतारू हो जाते है। गुस्से में कभी-कभी यह लोग अपना नुकसान या सामने वाले का नुकसान भी कर देते हैं। मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय चौधरी के मुताबिक अक्सर कई लोग एंग्जाइटी को तनाव या डिप्रेशन से जोड़कर देखते हैं। लेकिन एंग्जाइटी इन दोनों से काफी अलग है। एंग्जाइटी डिसऑर्डर दिमाग से संबंधी सबसे सामान्य विकारों में से एक है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को घबराहट या परेशानी होती है। हालांकि समय से इसके लक्षणों की पहचान होने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन ज्यादा देर होने पर यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और आगे चलकर डिप्रेशन जैसी कई बीमारियों की वजह बन सकती है। आजकल ज्यादातर लोगों में यह समस्या आम होती जा रही है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग इन दिनों एंग्जाइटी के शिकार हो रहे हैं। 

एंग्जाइटी डिसऑर्डर से ग्रस्त व्यक्ति चिंता व डर से होता है घिरा 
एंग्जाइटी एक तरह की मानसिक समस्या है, जिससे पीड़ित व्यक्ति अक्सर बैचेनी के साथ ही नकारात्मक विचार, चिंता और डर से घिरा रहता है। यह समस्या आमतौर पर हमारे रोजमर्रा के जीवन में जुड़ी कुछ सामान्य चिंताओं के कारण जन्म लेती है, जो बाद में गंभीर रूप में बदल जाती है। इस गंभीर समस्या के कुछ सामान्य लक्षणों में हाथ कांपना, पसीना आना, घबराहट होना, मन में उलझन होना, बिना बात के रोना आदि शामिल है। डॉक्टर के मुताबिक जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो शरीर तनाव हार्मोन जैसे कोर्टिसोल का उत्पादन अधिक करता है, जिससे चिंता के लक्षण बढ़ सकते हैं।

एंग्जाइटी डिसऑर्डर के मुख्य लक्षण
  •  घबराहट, तनाव और बेचैनी महसूस होना।
  • हर वक्त नकारात्मक विचार व खतरे का अहसास होना।
  • बार-बार एक ही समस्या के बारे में सोचते रहना ।
  • नींद आने में समस्या होना ।
  • कई बार सांस लेने में दिक्कत होना या सामान्य से ज्यादा सांस तेज लेना।
  • जी मिचलाना, सिर चकराना और बार-बार मुंह का सूखना ।
  • अचानक हाथ- पैरों का ठंडा होना, पसीना आना या शरीर में झुनझुनी होना।
  • हर समय मन का अशांत रहना। 
  • किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न कर पाना।
ऐसे बचे एंग्जाइटी ग्रस्त होने से 
  • हर रात पर्याप्त 7 से 8 घंटे की नींद अनिवार्य रूप से लें। 
  • योग, ध्यान, व्यायाम करने व प्रकृति में समय जरूर बिताएं 
  • फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन जरूर करें।
  • दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करें। 
  • किसी परेशानी में अपने पार्टनर या सहयोगी से मदद लें। 
  • यदि चिंता गंभीर है, तो पेशेवर की मदद लें ।
  • सज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी (सीबीटी) थेरेपी या दवा से भी आराम मिल सकता है। 

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