लखनऊ : जिलों में खुलेंगी पंचगव्य औषधि, गो पेंट और जैविक खाद इकाइयां

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। योगी सरकार 'एक जनपद-एक नवाचार मॉडल' से मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार देने जा रही है। सभी जिलों में पंचगव्य औषधि, गो-पेंट और जैविक खाद प्रसंस्करण इकाइयां खुलेंगी। इसके लिए हर जिले से एक-एक गोशाला का चयन किया गया है, जिन्हें आत्मनिर्भर गोशालाओं के रूप में विकसित किया जाएगा।

सरकार ने हर जिले की स्थानीय विशेषता के अनुसार, गांवों में नवाचार की नीति तैयार की है। इसके तहत महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को प्रशिक्षण देकर पंचगव्य से बने उत्पाद, गोबर से बने ब्लॉक, बायोगैस, गोमूत्र औषधि, जैव बीज इत्यादि के निर्माण और बिक्री में लगाया जाएगा। एक जनपद-एक नवाचार मॉडल को लागू करते हुए हर जिले में उसके अनुरूप नवाचार करने की योजना बनाई गई है। इससे न केवल स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि युवाओं को भी स्वरोजगार की दिशा में ठोस अवसर मिलेंगे।

उप्र. गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक जिले से एक गोशाला का चयन कर उसे आत्मनिर्भर गोशाला के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इन गोशालाओं को न केवल गो संरक्षण का केंद्र बनाया जाएगा, बल्कि इन्हें पंचगव्य आधारित उत्पादन का हब भी बनाया जाएगा।

स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को मिलेगा प्रशिक्षण

गोशालाओं के माध्यम से स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को प्रशिक्षित कर उन्हें प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन से जोड़ा जाएगा। इससे ग्रामीण युवाओं को उनके गांव में ही स्वरोजगार मिलेगा और पलायन रुकेगा।

बायोगैस संयंत्र और गोबर ब्लॉक होंगे शुरू

चयनित गोशालाओं में बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन होगा। साथ ही गोबर से बने ईंटनुमा ब्लॉक भी तैयार किए जाएंगे, जिनका उपयोग निर्माण कार्यों और ईंधन के रूप में किया जा सकेगा।

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