मुंह मांगे वेतन की दी दुहाई, डॉक्टर मिले एक तिहाई... 1056 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग में मात्र 355 विशेषज्ञ
सरकारी अस्पतालों में दूर नहीं हो रहा विशेषज्ञ डॉक्टरों का टोटा
पद्माकर पाण्डेय, लखनऊ, अमृत विचार: सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी खत्म नहीं हो रही है। मुंह मांगा वेतन देने पर भी 1056 पदों के सापेक्ष नेशलन हेल्थ मिशन (एनएचएम) को मात्र 355 विशेषज्ञ डॉक्टर प्रदेश भर में मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा 32 विशेषज्ञ राजधानी लखनऊ के अस्पतालों को मिले हैं, आठ जिलों को एक भी नहीं मिले। गत वर्ष की तरह चयनित सभी डॉक्टरों के ज्वाइन करने की संभावना भी कम है। यही वजह है कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने साक्षात्कार के माध्यम से संविदा पर 678 डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए आवेदन 27 जून 2025 शुक्रवार को मांगे हैं।
दरअसल, नेशनल हेल्थ मिशन केन्द्रीय स्वास्थ्य योजनाओं के संचालन के लिए अपने स्तर पर रिक्त पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की नियुक्ति करता है। इसके लिए एनएचएम ने रिवर्स बिड (मुंह मांगा वेतन) की सुविधा उपलब्ध करायी है। उक्त बिड के तहत बीते वर्ष अगस्त 2024 में सभी 75 जिलों में स्थित सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों के रिक्त पदों के सापेक्ष कुल 1056 पद पर आवेदन मांगे गए थे, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञता के मात्र 561 डॉक्टर ही पहुंचे, इनमें से मात्र 67 जिलों के अस्पतालों में सबसे कम बोली लगाने वाले 355 डॉक्टरों को मुंह मांगे वेतन पर नियुक्ति दी गयी है।
नियुक्ति पाने वाले डॉक्टरों के आंकड़ो पर गौर करें तो, प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स को राजधानी लखनऊ भा रहा है। वहीं आठ जिले ऐसे भी हैं जहां एक भी डॉक्टर नहीं मिला, जबकि बांदा, चंदौली, फरुखाबाद, हमीरपुर, हरदोई, झांसी और संभल कुल आठ जिलों को मात्र एक-एक डॉक्टर ही मिले हैं। इसके अलावा पांच जिलों में दो-दो डॉक्टरों को चयनित किया गया है।
सात डॉक्टरों को पांच लाख के वेतन
बिड के जरिए नियुक्ति पाने वाले पांच एनेस्थेटिक समेत कुल सात डॉक्टरों को अधिकतम वेतन पांच लाख रूपए निर्धारित किए गए हैं। इनमें दो एनेस्थेटिक औरैया, एक अयोध्या, बस्ती और गौतमबुद्ध नगर में एक-एक एनेस्थेटिक चयनित किए गए हैं। इसके अलावा महाराजगंज में पीडियाट्रीशियन और संत कबीर नगर में एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की गई है।
55 डॉक्टर मात्र 70 हजार में
अधिकतम वेतन पर नियुक्ति की सुविधा के बावजूद 355 विशेषज्ञ डॉक्टरों में 55 डॉक्टर मात्र न्यूनतम वेतन 70 हजार पर चयनित हुए हैं, एक डॉक्टर ने 70 हजार 500 रूपए प्रतिमाह और तीन ने तो 71000 रूपए प्रतिमाह मांगे हैं। माना जा रहा है कि ये विशेषज्ञ ज्वाइन नहीं करते हैं, जिसके बाद यह सभी पद पुन: रिक्त रह जाएंगे।
गलत नियुक्ति के आरोप
राजधानी स्थित लोकबन्धु अस्पताल में अनुसूचित जनजाति का पद था, बावजूद अनुसूचित जाति के डॉक्टर को नियुक्ति दे दी गयी है, इसी प्रकार कई जिलों में सवाल उठे हैं। हालांकि, अमृत विचार मौखिक आरोपों की पुष्टि नहीं करता है। मगर, इस प्रक्रिया की शुचिता पर सवाल अवश्य खड़े किए जा रहे हैं।
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