यूपी के इस शहर में मौत बनकर खड़ी हैं प्राचीन और जर्जर इमारतें, जिला प्रशासन ने किया सतर्क

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Published By Anjali Singh
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सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश के बीच सहारनपुर जिला प्रशासन जर्जर इमारतों को लेकर सतर्क हो गया है। जानकारी के मुताबिक नगर के हलवाई हट्टा, दीनानाथ बाजार, रानी बाजार, कम्बोह का पुल, बाजार मोरगंज, बड़तला यादगार, मटियामहल और हीरन महारान में 150 से 200 पुराने और कई मंजिला भवन ऐसे चिन्हित किए गए हैं जो किसी भी समय भरभराकर गिर सकते हैं और इन सभी इमारतों में लोग रह रहे हैं। 

इस संबंध में जिलाधिकारी मनीष बंसल ने आज कहा कि इस स्थिति से प्रशासन अवगत है। एक तरफ लोगों को इन जर्जर आवासों को छोड़ने के लिए समझाया जा रहा है दूसरी ओर प्रशासन एवं संबंधित विभाग अपने स्तर से इन्हें खाली कराने के प्रयास कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में सहारनपुर नगर में पुरानी और जर्जर इमारतों के गिरने से करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है और इतने ही लोग घायल भी हुए हैं। 

हीरन मारान में दो अलग-अलग जर्जर मकानों के गिरने से तीन मजदूर समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। मानकमऊ में एक ही परिवार में तीन भाईयों और दो बहनों की मौत हो गई थी। मटिया महल में एक जर्जर मकान गिरने से मां-बेटी की मौत हो गई थी। जिले के कस्बों और गांवों में भी बड़ी संख्या में जर्जर भवनों में किसी न किसी वजह से लोग जान का जोखिम लेकर रह रहे हैं। जिलाधिकारी ने इस संबंध में उचित कदम उठाने के लिए संबंधित अफसरों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं। 

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