यूपी में निवेश-उद्यमिता को मिला आयाम: बढ़ी 100 श्रमिकों वाले कारखानों की संख्या, KPI Reports में बेहतरीन प्रदर्शन
लखनऊ, अमृत विचार। श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा जारी की गई ताजा के परफारमेंस इंडिकेटर (केपीआई) रिपोर्ट में साफ हो गया है कि यूपी में निवेश व उद्यमिता को नया आयाम मिल रहा है। 100 से अधिक श्रमिकों वाले कारखानों की संख्या बढ़ी है। कई क्षेत्रों में लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। श्रमायुक्त संगठन उत्तर प्रदेश से संबंधित केपीआई-1 में वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, पंजीकृत कारखानों की संख्या का लक्ष्य 3600 था, जिसके सापेक्ष 3644 कारखानों का पंजीकरण हुआ है, जो 101.22 फीसदी उपलब्धि को दर्शाता है।
यह आंकड़ा बताता है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में माहौल अनुकूल होता जा रहा है। वहीं, केपीआई-2 ऐसे पंजीकृत कारखाने जिनमें 100 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं, उनकी संख्या 450 के लक्ष्य के सापेक्ष 498 तक पहुंच गई है, जो 110.66 फीसदी प्रगति को दर्शाता है। यह संकेत है कि बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश में तेजी से स्थापित हो रहे हैं और साथ ही संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं।
व्यापारिक गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण सफलता
व्यापारिक गतिविधियों के क्षेत्र में भी योगी सरकार को उल्लेखनीय सफलता मिली है। केपीआई-3 के अंतर्गत नवीन पंजीकृत दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठानों की संख्या का लक्ष्य जहां 42,984 था, वहीं 45,551 दुकानों और प्रतिष्ठानों का पंजीकरण दर्ज किया गया है। यह 105.97 फीसदी प्रगति बताता है कि छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को सरकार की नीतियों से भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है। केपीआई-7 के तहत नवीन पंजीकृत परिवहन उपक्रमों की संख्या का लक्ष्य 252 था, जबकि 375 पंजीकरण दर्ज हुए हैं। यह 148.80 फीसदी की प्रगति है, जो न केवल ट्रांसपोर्ट सेक्टर में निवेश बढ़ने का संकेत देता है, बल्कि इससे जुड़ी सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स और रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं।
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