अंगूठी-नग बेचने वाला छांगुर बाबा कैसे बन गया 100 करोड़ से ज्यादा की दौलत का मालिक
बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण का मास्टरमाइंड, तीन बीघे में बनी आलीशान कोठी पर चला बुलडोजर
अमृत विचार : उत्तर प्रदेश का जिला बलरामपुर सुर्खियों में है। यहां फेरी करके अंगूठी और नग बेचने वाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अरबपति बन गया। तीन बीघे में आलीशान कोठी बनवा ली। लेकिन धर्मांतरण केस में गिरफ्तारी के बाद अब उसकी आलीशान कोठी को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। पूरा इलाका छावनी बना है। कोई बाबा की करतूत तो, कोई धर्मांतरण के आरोप से हैरान है।
छांगुर बाबा मूलरूप से उतरौला तहसील के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। फकीरी टोला में उसका पुश्तैनी मकान है, जो अब जर्जर हो चुका है। जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा रेहरा माफी का ग्राम प्रधान भी रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 10 साल पहले वह गांव छोड़कर चले गए। और मधुपुर गांव में रहने लगे। यहीं उन्होंने आलीशान काठी बनवाई थी।
धर्मांतरण का मास्टरमाइंड बाबा
छांगुर बाबा पर अवैध धर्मांतरण का आरोप है। पिछले सप्ताह ही यूपी एसटीएफ ने उसे लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया था। बाबा पर आरोप है कि वह लड़कियों को निशाना बनाया करता। धर्मांतरण के लिए जातिवार रेट फिक्स कर रखे थे। क्षत्रिय, ब्राह्मण और सिख लड़कियों के धर्मांतरण के लिए 15 से 16 लाख रुपये देता था। पिछड़ी जातियों को दस लाख रुपये तक देता।
100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
यूपी पुलिस, एसटीएफ और एटीएस ने बाबा की पूरी कुंडली टटोल डाली है। शुरुआती जांच में धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग की बात सामने आ रही है। जांच एजेंसियों को पता लगा है कि बाबा करीब 50 बार खाड़ी देशों की यात्रा कर चुका है।
कहां से अरबों की दौलत
अंगूठी और नग की फेरी करने वाले के पास अरबों की दौलत कहां से आ गई? जांच एजेंसियों के साथ पूरा इलाका हैरान है। हवाला, विदेशी फंडिंग की तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब इस केस में ईडी की एंट्री होने वाली है। यूपी की जांच एजेंसियों ने अवैध फंडिंग की पड़ताल के लिए ईडी को भी जांच में शामिल करने की बात कही है।
घर वापसी के बाद खुला केस
हाल ही में हिंदू संगठनों की कोशिशों के बाद कई लोगों ने घरवापसी की थी। बताया जा रहा है कि घर वापसी करने वालों ने ही बाबा का खेल उजागर कर दिया। जांच एजेंसियां हरकत में आईं और बाबा की तलाश शुरू कर दी गई। इस दौरान वह एक महिला के साथ लखनऊ में पकड़ा गया था।
क्या बाबा के शागिर्द की है कोठी!
छांगुर बाबा की कोठी नीतू अरोड़ा उर्फ नसरीन के नाम है। कुछ ग्रामीण इसे नीता अरोड़ा की ही संपत्ति मान रहे हैं। वहीं, पुलिस जांच में पता चला है कि बाबा का रैकेट आसपास के कई जिलों में फैला है। इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स
छांगुर बाबा की कोठी पर बुलडोजर चलाने से पहले स्थानीय प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। प्रशासन के मुताबिक, ये भवन सरकारी भूमि पर बना था। निर्माण तोड़ने से पहले यहां चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। तीन बुलडोजर यहां कोठी ढहाने में लगे हैं।
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