संभल : बच्चों के घर लौटने का था इंतजार, आई मौत की खबर
गंगा एक्सप्रेस वे के जिम्मेदारों की लापरवाही ने ली दो बच्चों की जान, परिजनों में कोहराम
संभल, अमृत विचार। ततारपुर संदल में गुरुवार दोपहर को दस साल के निशांत व 11 साल के प्रिंस के स्कूल से घर वापस आने का इंतजार परिवार के लोग कर रहे थे लेकिन दोनों ही बच्चों की मौत की खबर आई। माता पिता दहाड़ें मारकर रोने लगे। पूरे गांव में मातम का माहौल बन गया। गंगा एक्सप्रेस वे के जिम्मेदारों की लापरवाही ने दाे बच्चों की जान ले ली। मिट्टी के लिए गड्ढे खोदने के बाद बेरीकेडिंग न करना दो परिवारों को जीवन भर का दुख दे गया।
ततारपुर संदल गांव के लाेकेश और उसके भाई धर्मेंद्र के पुत्र निशांत और प्रिंस गांव सुजातपुर के राधा गोविंद कालेज में कक्षा पांच और कक्षा तीन में पढ़ते थे। गुरुवार सुबह दोनों साइकिल से स्कूल गए थे । स्कूल की छुट्टी का समय दोपहर 1 बजे है। ऐसे में जब दो बजे तक भी बच्चे स्कूल से घर वापस नहीं आये तो परिजनों को चिंता होने लगी। दोनों बच्चों की मां ज्यादा बेचैन होने लगीं। इसी बीच ग्रामीण ने खबर दी कि निशांत व प्रिंस नहाते समय गंगा एक्सप्रेस वे के पास बने गहरे गडढ़े में डूब गये हैं। परिवार के लोग दौड़़कर मौके पर पहुंचे और जिंदगी की आस में उन्हें अस्पताल लेकर गये। वहां डाक्टर ने दोनों को मृत घोषित किया तो दोनों बच्चों के परिजनों पर दुख का आसमान टूट पड़ा। बच्चों के शव घर पहुंचे तो दोनों की मां अपने बच्चों की लाश देखकर बेसुध हो गईं। गांव में भी मातम भरा सन्नाटा पसर गया।
तीन बेटियों के बाद पैदा हुआ था निशांत
लोकेश की पत्नी सुमन को तीन बेटियां पैदा हुईं। दोनों ने बेटे के लिए भगवान से मिन्नतें की। 10 साल पहले निशांत का जन्म हुआ तो परिवार में खुशी का माहौल था। गुरुवार को अचानक हुए हादसे ने इकलौते बेटे को परिवार से छीन लिया। उसकी मौत से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
इस सत्र में पहले दिन स्कूल गया था प्रिंस
धर्मेंद्र उर्फ प्रेमपाल ने बताया कि बेटा प्रिंस इस सत्र में पहले दिन स्कूल गया था। बहुत उत्साहित था और तहेरे भाई के साथ हंसी-खुशी साइकिल से चला गया। क्या पता था कि अब प्रिंस कभी लौटकर नहीं आएगा। उसकी मौत की खबर आएगी। प्रिंस की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।
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