सीएम योगी देंगे केजीएमयू को नई सौगात, दो नए भवनों का लोकार्पण और तीन इमारतों का करेंगे शिलान्यास

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के लारी कार्डियोलॉजी विभाग में आने वाले मरीजों को भर्ती के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। विभाग के नए भवन का संचालन सोमवार से शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भवन की शुरुआत करेंगे। इसके शुरू होते ही 92 और बेड सहित कैथ लैब व अन्य उपकरण बढ़ेंगे। इससे दिल के रोगियों को राहत मिल सकेगी। वर्तमान में 84 बेड का संचालन हो रहा है। इसके आलावा मुख्यमंत्री ऑर्थोपेडिक सुपर स्पेशिएलिटी सेंटर का भी लोकार्पण करेंगे। साथ ही जनरल सर्जरी विभाग के नए भवन, ट्रॉमा सेंटर फेज-2 और प्रशासनिक भवन की नींव भी रखेंगे।

लारी कार्डियोलॉजी में पूरे प्रदेश से दिल के मरीज आते हैं। यहां आने वाले मरीजों की संख्या करीब 1,000 तक रोजाना की है। जबकि यहां सीमित स्टॉफ और संसाधन होने के चलते सिर्फ 300 से 350 तक ही मरीज देखे जाते हैं। लिहाजा ओपीडी में एक माह से अधिक की वेटिंग होने के कारण मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा। वर्तमान में यहां 42 आईसीयू समेत कुल 84 बेड व तीन कैथ लैब हैं। ऐसे में यहां आने वाले सभी मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता है। जरूरत को देखते ही शासन से इसके विस्तार की मांग की गई थी।

जिम्मेदारों की लापरवाही से भवन शुरू होने में लग गए दो साल

शासन से बजट जारी होने के बाद वर्ष 2017 में नए भवन का निर्माण शुरू हुआ। करीब 37 करोड़ की लागत से इस छह मंजिला भवन को बनाकर तैयार किया गया था। उम्मीद थी कि अगस्त 2023 से नए और पुराने भवन में पूरी क्षमता के साथ काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए बेड व अन्य उपकरणों को भी खरीद लिया गया। लेकिन भवन में भर्ती शुरू हो पाती इससे पहले ही रैंप का पेंच फंस गया है। जिम्मेदार यहां रैंप का निर्माण ही करवाना भूल गए। ठेकेदार का कहना था की टेंडर में रैंप का जिक्र नहीं था। नियमानुसार किसी भी अस्पताल संचालन के लिए भवन में रैंप होना जरुरी होता है। इसके बाद रैंप का अलग से टेंडर निकाला गया। भवन के बाहरी हिस्से में रैंप को बनाकर सभी तल को जोड़ा गया। रैंप बनाने में दो साल लग गए।

ये बढ़ेगी सुविधा

नए भवन में 92 बेड बढ़ जाएंगे। जिसके बाद लारी कार्डियोलॉजी कुल 176 बेड की क्षमता वाली हो जाएगी। साथ ही दो कैथ लैब, 3 डी व 4 डी ईको मशीन स्थापित की गईं। 150 इनफ्यूजन पंप, दो ऑटोमैटिक डीप फिब्यूलेटर मशीन लगाई गईं हैं। इससे यहां आने वाले मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी। इससे मरीजों को बिना इलाज नहीं लौटना पड़ेगा।

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