Bareilly: मादक पदार्थों की तस्करी के केस में मुल्जिम को ही बना दिया गवाह...विवेचक पर गिरी गाज
विधि संवाददाता, बरेली। मादक पदार्थ, हथियार तस्करी और अवैध वित्तीय लेन-देन के गंभीर मामले में महिला मुल्जिम को बचाकर केस में गवाह बनाने के मामले में एएनटीएफ के विवेचक हरवेन्द्र मिश्रा के विरुद्ध कार्रवाई के लिए स्पेशल जज एनडीपीएस एक्ट विकास कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है।
थाना बारादरी में 6 जुलाई को एनडीपीएस एक्ट, आयुध अधिनियम की गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे में मौके पर ही अभियुक्ता प्रियंका व सिमरन कौर को गिरफ्तार किया गया था। सिमरन के दो भाई जगजीत उर्फ कपिल और गुरुप्रीत उर्फ गोपी मादक पदार्थ की खरीद फरोख्त में शामिल हैं। सिमरन ने पुलिस को बताया कि उसका भाई गुरुप्रीत अपनी महिला मित्र सलोनी से मादक पदार्थ अफीम भिजवाकर खरीदता-बेचता है। महिला को पुलिस जल्दी चेक नहीं करती है, इसलिए वह भी डिलीवरी देने के लिए चली जाती थी। सलोनी ने 10 जुलाई को अपने बयान में पुलिस को बताया कि वर्ष 2022 में उसकी मुलाकात जगजीत उर्फ जग्गी से हुई थी। इसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी कर ली।
जगजीत और उसका भाई गुरुप्रीत मणिपुर तथा आसाम से अफीम, मारफीन, हेरोइन अपने चाचा गुरमैल सिंह के साथ लाकर बरेली व पंजाब में सप्लाई करते थे। गुवाहाटी पुलिस के नम्बर से मेरे पास फोन आया। जगजीत, गुरुमैल व गुरुमैल के चचेरे भाई जसवीर को 8.250 किलोग्राम अफीम के साथ पुलिस ने पकड़ लिया। मैंने गुरुप्रीत को फोन मिलाया, फोन बंद आने पर सिमरन को घर जाकर बताया।
18 जून को बरेली में डोहरा चौराहे पर मैंने अज्ञात कार सवार को अफीम की डिलीवरी की थी। कोर्ट ने केस डायरी में पाया कि विवेचक जिसको गवाह बताता है वह मादक पदार्थ की सप्लाई में संलिप्त अभियुक्ता है, जबकि विवेचक ने सलोनी को बचाते हुए उसे गवाह बनाया व कोर्ट में बयान के लिए अर्जी दी। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अभियुक्त को मुल्जिम न बनाकर गवाह के रूप में पेश करना एक्ट की मंशा के विपरीत है।
