अनुपमा यादव अपहरण कांड में एसपी तलब: हाईकोर्ट ने देवरिया एसपी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दिया निर्देश

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Published By Vinay Shukla
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देवरिया के चर्चित अनुपमा यादव अपहरण कांड में फिल्म निर्माता सुनील यादव द्वारा विवेचना अधिकारी को घूस देने के आरोपों की जांच कर एसपी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने लापता अनुपमा यादव की बारामदगी के लिए अब तक की गई कार्यवाही के बारे में पूछा और किन वजहों से पीड़िता की बरामदगी करने में पुलिस विफल रही है, इसकी भी जानकारी मांगी।

इसके अलावा कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई यानी 21 जुलाई को एसपी, देवरिया व एसएचओ, कोतवाली को तलब किया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय और न्यायमूर्ति संदीप जैन की खंडपीठ ने अभियुक्त सुनील यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, साथ ही आपराधिक मामले में याची की गिरफ्तारी पर भी लगी रोक बढ़ा दी गई। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विवेचना अधिकारी दरोगा रिजवान अंसारी ने याची व उसके भाई से घूस मांगा। इसके बाद 27 फरवरी 2025 को 'फोन पे' एप के जरिए दरोगा के कहने पर तहउ्उर अंसारी के खाते में 4 लाख भेजे गए। 12 मार्च 2025 को 2.40 लाख रुपए विवेचक को नगद में दिए गए।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पीड़िता की बहन शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस जारी की थी और राज्य सरकार व सुष्मिता से जवाब मांगा था, लेकिन किसी की ओर से जवाब दाखिल न होने पर अपर शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की बरामदगी नहीं की जा सकी है। दूसरी ओर याची के अधिवक्ता का तर्क है कि यह एक ब्लैकमेलिंग का गैंग हो सकता है जो लोगों को झूठे केस में फंसाकर धन उगाही करता है, इसलिए प्राथमिकी रद्द की जाए। बता दें कि सोनदा निवासी सुष्मिता यादव अपने भाई सूर्यकुमार यादव, बहन अनुपमा यादव के साथ रहती हैं। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कर याची पर आरोप लगाया कि वह शिकायतकर्ता की बहन से प्रेम करता था। 19 फरवरी 2025 को याची उसके घर पर आया और नेपाल में शादी की शॉपिंग करने का बहाना बनाकर अनुपमा को ले गया।

बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची उसे नेपाल नहीं, बल्कि बिहार ले आया है। इसके बाद फोन बंद हो गया है। याची को फोन करने की कोशिश की गई तो उसने फोन नहीं उठाया। याची के अधिवक्ता का तर्क है कि वह चैनल के लिए एलबम बनाता है। 2024 में एक दिन फिल्म लेखक रमेश गुप्ता अनुपमा के साथ याची से मिले थे। याची ने अनुपमा से एलबम में काम करने के लिए कहा। इस पर अनुपमा ने उससे 6-7 लाख रुपयों की मांग की, लेकिन एलबम में काम नहीं किया। जब पैसा वापस करने या एलबम में काम करने का दबाव बनाया तो वह उसे धमकाने लगी और 23 फरवरी 2025 को कोतवाली, देवरिया में झूठा केस दर्ज किया गया। याची का आरोप है कि सुष्मिता यादव व अन्य का रैकेट है, जो आम लोगों को फंसा कर धन उगाही करता है।

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