बिजलीकर्मियों की चेतावनी- उत्पीड़न रोको वरना करेंगे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि निजीकरण के लिये की जा रही उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों को अगर बंद नहीं किया तो बिजलीकर्मी 22 जुलाई को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता विगत आठ माह से शान्ति पूर्वक पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। बौखलाए पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने बिजली कर्मियों का मनोबल तोड़ने के लिए मनमाने ढंग से उत्पीड़न की कार्यवाहियां प्रारंभ कर दी। 

उन्होने कहा कि उत्पीड़न की कार्यवाही के तहत बिजली कर्मियों के घरों पर रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने के लिये स्मार्ट मीटर लगाने की कार्यवाही है। इससे बिजली कर्मचारी और पेंशनर तथा उनके परिवार प्रभावित हो रहे है। 

प्रबंधन स्मार्ट मीटर लगाने के लिए परिवारों का उत्पीड़न करने पर उतर आया है वहीं फेशियल अटेंडेंस के नाम पर कई हजार बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं का जून माह का वेतन रोक दिया गया है। यह सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर आ रहे हैं, अपना कार्य कर रहे हैं। 

समिति ने कहा कि इसके पहले निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों का ट्रांसफर दूरस्थ स्थानो पर किया गया और उन्हें बिना प्रतीक्षा किए तत्काल कार्य मुक्त कर दिया गया। अत्यंत अल्प वेतन भोगी संविदा कर्मचारियों को मनमाने ढंग से छटनी करके निकाल दिया गया। लगभग 45 प्रतिशत संविदा कर्मचारी सेवाओं से बर्खास्त कर दिए गए। संघर्ष समिति ने कहा कि यह सब दमनात्मक कार्यवाहियां केवल निजीकरण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए की जा रही है।

बिजली कर्मियों के मन में खौफ पैदा किया जा रहा है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष की इन कार्यवाहियों से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण बन गया है। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि उत्पीड़न की कार्यवाहियां तत्काल बंद न की गई तो बिजलीकर्मी 22 जुलाई को प्रांत व्यापी प्रदर्शन करेंगे।  

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