बाराबंकी: पट्टाधारकों ने ग्राम समाज की जमीन का कर डाला सौदा, बन गए मकान और दुकान
दीपराज सिंह/ देवा/बाराबंकी, अमृत विचार। देवा फतेहपुर मार्ग पर ग्राम समाज की जमीन का सौदा हो गया। घर बनाकर रहने के मिली जमीन को पट्टाधारकों ने बाहरी लोगों को बेंच डाला और बाहरी लोग मकान दुकान बनाकर यहां के वासी हो गए। गनीमत यह कि इन जमीनों की अब तक दाखिल खारिज नहीं हो सकी है। एसडीएम ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
ग्राम ढिढोंरा मजरा सलारपुर में राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या 32, रकबा 0.286 हेक्टेयर भूमि को नवीन परती के रूप में दर्ज है, लेकिन वर्तमान में तस्वीर बदली हुई है। सूत्रों के अनुसार, लगभग 18 वर्ष पूर्व इस भूमि पर गांव के ही कुछ पात्र ग्रामीणों दुखीराम, लाल जी (मृतक), लवकुश, सुंदर लाल, हंसराज, विश्राम, मुन्नालाल (मृतक) आदि को सरकारी आवासीय पट्टा आवंटित किया गया।
योजना का उद्देश्य था कि ये लाभार्थी इस जमीन पर आवास बनाकर रह सकें लेकिन कुछ ही वर्षों में इन पट्टाधारकों ने सरकारी नियमों की अनदेखी करते हुए इस जमीन को औने-पौने दामों पर बाहरी गांव के लोगों को बेच दिया। बता दें कि सरकारी नियमों के तहत आवासीय पट्टा सिर्फ जरूरतमंदों को निवास हेतु दिया जाता है और इसका विक्रय या हस्तांतरण गैरकानूनी है।
ऐसे में न केवल पट्टा धारकों द्वारा भूमि का विक्रय नियम विरुद्ध है, बल्कि बाहरी लोगों द्वारा उस पर कब्जा कर पक्के निर्माण कर लेना भी भूमि सुधार अधिनियम और ग्राम समाज संपत्ति संरक्षण अधिनियम का सीधा उल्लंघन है। मौजूदा स्थिति यह कि विवादित भूमि पर अब किसी भी स्थानीय व्यक्ति का स्वामित्व या कब्जा नहीं बचा है। हालांकि बाहरी लोगों के पास न तो वैध पट्टा है और न ही कोई राजस्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज है। यहां तक कि पूर्व पट्टाधारकों ने जमीन की रजिस्ट्री तो कर दी, लेकिन अभी तक किसी भी खरीददार की दाखिल-खारिज नहीं हो सकी है।
जांच की कही बात
इस मामले पर उपजिलाधिकारी नवाबगंज आनंद तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी फिलहाल उनके पास नहीं है। जांच कराकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
