HC से अब्दुल्ला आजम को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पैन कार्ड बनवाकर विधायक पद के लिए चुनाव लड़ने के मामले में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दर्ज दूसरी प्राथमिकी को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति एक फर्जी दस्तावेज़ को अलग-अलग मौकों पर उपयोग करता है, तो वह हर बार एक अलग अपराध होता है।
फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पैन कार्ड बनवाया था : अब्दुल्ला आजम ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पैन कार्ड बनवाया था और उसका उपयोग 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए किया था। इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई थी, एक पैन कार्ड बनवाने को लेकर और दूसरी उसका चुनाव में उपयोग करने को लेकर।
कोर्ट का आदेश : न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने कहा कि एक अपराधी द्वारा बार-बार की गई जालसाजी के हर प्रयोग को स्वतंत्र अपराध माना जाएगा, इसलिए प्रत्येक एफआईआर वैध है और उसे समाप्त नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी देखा कि याचिका डेढ़ साल की देरी से दाखिल की गई थी, जबकि याची को 18 अक्टूबर 2023 को दोषी ठहराया गया था और याचिका 24 अप्रैल 2025 को दाखिल हुई थी।
अब्दुल्ला आजम की याचिका खारिज : कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम द्वारा फर्जी पासपोर्ट मामले में भी दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। अब्दुल्ला आजम को इस मामले में बड़ा झटका लगा है और उन्हें अब कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
कानूनी कार्रवाई : पुलिस ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। अब्दुल्ला आजम को इस मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और उन्हें सजा भी हो सकती है।
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