बाराबंकी: 6 दिन, 91 श्रमिक, 23 हजार खर्च, लेकिन पौधे नदारद, मनरेगा में फर्जीवाड़े की जड़ें गहरी

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Published By Deepak Mishra
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सतरिख/बाराबंकी, अमृत विचार। विकासखंड हरख की तमसेपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत वृक्षारोपण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। प्राथमिक विद्यालय ताहीपुर, झूरहा तालाब, झंडा तालाब और पंचायत भवन पर कुल 6 दिनों में 91 श्रमिकों के नाम पर मस्टर रोल जारी कर दिया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।

पंचायत में केवल कागजों पर पौधारोपण हुआ है, जबकि मौके पर कार्य नगण्य पाया गया। इन मस्टर रोल्स के आधार पर लगभग 23,000 रुपये की धनराशि खर्च की गई है। इससे पहले भी ग्राम पंचायत में बड़े तालाब पर 40 श्रमिकों के नाम पर मस्टर रोल तैयार किया गया था, लेकिन काम ठप रहा। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या एक श्रमिक एक दिन में इतने पौधे रोप सकता है, जितने के दावे किए जा रहे हैं?

इन आंकड़ों से साफ प्रतीत होता है कि मनरेगा योजना का लाभ वास्तविक मजदूरों को नहीं मिल पा रहा, बल्कि कुछ अफसर व स्थानीय तंत्र इसकी आड़ में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। डीएम के सख्त निर्देशों के बावजूद महिलाओं की भागीदारी नगण्य है और कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं हो रही।

सीडीओ अन्ना सुदन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि अनियमितता पाई गई, तो दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी स्तर के अधिकारी क्यों न हों। यह मामला न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि गरीब श्रमिकों के हक पर भी डाका है। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद दोषियों तक प्रशासन की पहुंच होती है या नहीं।

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