कांवड़ यात्रा को लेकर CM आवास पहुंचे युवाओं को पुलिस ने रोका, छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत कई गिरफ्तार
लखनऊ/गोंडा, अमृत विचार। निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र कांवड़ यात्रा लेकर शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री आवास पहुंचे छात्र पंचायत के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक लिया। मुख्यमंत्री से मिलकर उनका जलाभिषेक करने की मांग पर अड़े छात्र पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवम पांडेय व उनके सहयोगियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हे जबरन बसों में भरकर लेकर चली गयी। इस कार्रवाई पर शिवम पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री जी हमारे लिए भगवान हैं, लेकिन हमें अपने भगवान से मिलने की सजा मिली।
बढ़ती स्कूल फीस और निजी विद्यालयों की मनमानी के विरोध में राष्ट्रीय छात्र पंचायत के कार्यकर्ताओं की तरफ से गोंडा से लखनऊ तक निकाली गई 120 किलोमीटर लंबी ‘छात्र कांवड़ यात्रा शनिवार को तीसरे दिन जब मुख्यमंत्री आवास पहुंची, तो वहां छात्रों की मुलाकात की मांग पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को जबरन गिरफ्तार कर लिया।

हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवान मानते हैं
इस दौरान राष्ट्रीय छात्र पंचायत के अध्यक्ष शिवम पांडेय ने बेहद भावुक होते हुए कहा कि हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भगवान मानते हैं। इसलिए गोंडा से पैदल चलकर लखनऊ आए हैं, ताकि उनसे मिलकर फीस नियंत्रण कानून की मांग कर सकें। हमारे पैरों में छाले पड़ चुके हैं। हम सब बेहद थक चुके थे, लेकिन उम्मीदों से भरे थे। पर जब हम मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, तो हमें मिलने की इजाज़त देने के बजाय हमारी उंगली तक तोड़ दी गई, गर्दन दबाई गई और पुलिस की जीप में भरकर हमें ले जाया गया।
क्या मैं AK-47 लेकर आया हूं?
शिवम ने कहा कि पूरे प्रदेश में कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे हैं, लेकिन जब हम छात्र कांवड़ लेकर शिक्षा के हक़ की बात करने पहुंचे, तो हमारे साथ ऐसा सलूक हुआ जैसे हम कोई अपराधी हों। उन्होने सवाल किया कि क्या मैं कोई आतंकवादी हूं? क्या मैं AK-47 लेकर आया हूं? मैं तो सिर्फ जल लेकर आया हूं, अपने मुख्यमंत्री भगवान को चढ़ाने के लिए। हमारी एक ही मांग है-मानसून सत्र में सरकार ऐसा कानून लाए जो निजी स्कूलों की गुंडागर्दी और मनमानी फीस पर रोक लगाए।
मेरी अंतिम इच्छा है, मुख्यमंत्री जी से मिलूं
शिवम ने कहा कि छात्र पंचायत ने 30 अप्रैल को विधानसभा घेराव किया। तब 10 दिन का आश्वासन मिला, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अफसर हमारे ज्ञापन लेकर समोसे के नीचे दबा देते हैं। हम 75 जिलों का दौरा कर चुके हैं। हर जगह बस यही कहा कि शिक्षा को व्यापार बनने से रोको। अब मेरी अंतिम इच्छा है कि मुख्यमंत्री जी से मिलूं, उनके चरण छूकर अपनी मांग रखूं।
मानसून सत्र में फीस नियंत्रण कानून लाया जाए
शिवम ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि अगर आप यह वीडियो देख रहे हैं तो मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि मुझे सिर्फ एक बार आपसे मिलने दीजिए। शिवम पांडेय ने कहा कि, "यह दुनिया की पहली ऐसी कांवड़ यात्रा है जिसमें कांवड़ियों को लाठियों से पीटा जा रहा है। बाकी सब जगह कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं, लेकिन यहां हमें जेल भेजा जा रहा है। हम मांग करते हैं कि इस मानसून सत्र में फीस नियंत्रण कानून लाया जाए। स्कूल ड्रेस, बस फीस और एडमिशन फीस के नाम पर हर साल जो शोषण होता है, उस पर रोक लगे।
इस मौके पर राज्य संयोजक राजेश मौर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में निजी विद्यालयों द्वारा खुलेआम लूट मचाई जा रही है। हम इसी लूट के विरोध में लखनऊ आए थे, लेकिन प्रशासन ने हमसे बर्बरता की। हम लोग इको गार्डन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और तब तक नहीं हटेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमन बहादुर सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर कहा, यह लोकतंत्र की हत्या है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब छात्र जल चढ़ाकर शांतिपूर्ण रूप से अपनी बात कहना चाह रहे हैं, तो उन्हें रोक दिया गया। हम अधिवक्ता राष्ट्रीय छात्र पंचायत के साथ खड़े हैं और अंतिम लड़ाई तक साथ देंगे। इस अवसर पर अभिषेक मिश्रा, सतीश कुमार मिश्रा, हिमांशु तिवारी, प्रिंस गुप्ता, विवेक यादव, दीनानाथ वर्मा समेत कई छात्र और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
