कानपुर में ढाई साल के मासूम की हत्या करने वाली 'हत्यारिन बुआ' को उम्रकैद
स्पेशल एंटी डकैती कोर्ट ने सुनाया फैसला, 45 हजार जुर्माना भी लगाया
कानपुर देहात, अमृत विचार : बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के लालू पुरवा गांव में एक मासूम के करीब ढाई साल पहले अपहरण के बाद हुई हत्या के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट ने दोषी पाई गई उसकी बुआ को आजीवन कारावस की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर अलग-अलग धाराओं में 45 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
जनपद कानपुर नगर की बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के लालूपुरवा गांव निवासी रिंकू का पांच माह का पुत्र सुशील 14 नवंबर 2022 की दोपहर घर से अचानक गायब हो गया था। तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चल सका था। इसके बाद उसके पिता ने रसूलपुर बांगरमऊ उन्नाव में रहने वाले अपने बहनोई देशराज पर बहन सीता से विवाद होने के कारण सीता के उसके पास रहने के कारण उसपर खुन्नस मानने तथा बहन से उसके बेटे का अपहरण करने की धमकी देने का भी आरोप लगाते हुए बिल्हौर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
एफआईआर दर्ज होने के इस मामले में सक्रिय हुई पुलिस ने छानबीन शुरू की। शुरुआती जांच के बाद सीता की भूमिका को संदिग्ध मानकर उसको हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की थी। जिसके बाद 18 नवंबर 2022 को बच्चे का शव ईशान नदी से बरामद करने के साथ ही उसका चालान कर दिया था। साथ ही देशराज का नाम हटाकर सीता के खिलाफ अपहरण, हत्या व साक्ष्य छिपाने में आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था। मुकदमें की सुनवाई स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट में चल रही थी।
24 जुलाई को ठहराया गया था दोषी : एडीजीसी आशीष कुमार तिवारी ने बताया कि मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद बीती 24 जुलाई को सीता को दोषी करार दिया गया था। सोमवार को मामले में सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अपहरण, हत्या व साक्ष्य छिपाने की धाराओं में दोषी सीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 45 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर ढाई साल की अतिरिक्त सजा भुगतने के आदेश भी दिए हैं।
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