बदायूं: फिर बढ़ा गंगा में पानी, कटान ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
बदायूं, अमृत विचार। गंगा में अब हर तीसरे दिन पानी अधिक मात्रा में छोड़ा जा रहा है जिससे गंगा के तटबंधों से पानी टकरा रहा है। बांधों की सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया है। उसहैत और दातागंज इलाके में अब किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गंगा में पानी बढ़ने से साथ ही कटान भी शुरू कर दिया है। कटान से उपजाऊ जमीन गंगा में समा रही है।
पहाड़ों पर पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। साथ ही मैदानी इलाकों में भी बारिश का मौसम बना हुआ है। कहीं कहीं बारिश भी हुई है। इससे गंगा नदी का जल स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। गुरुवार को नरौरा बैराज से 62 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया, जबकि बुधवार को 46 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया और मंगलवार को भी 62 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया था। अब तीसरे दिन पानी अधिक छोड़ा जा रहा है।
इससे गंगा की धार भी फैलने लगी है। दो दिन पूर्व गंगा में छोड़ा गया पानी गुरुवार की सुबह जिले की सीमा में पहुंचते ही गंगा उफान मारने लगी। गंगा में पानी कम होने के दो दिन बाद ही बढ़ने लगा। अब गंगा की धार तेजी से आगे बढ़ती हुई कटान कर रही है। उसहैत क्षेत्र के असमिया रफतपुर क्षेत्र में गंगा के बांध से पानी टकरा रहा है। बांध के बराबर पानी बह रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब बाढ़ आने की संभावना बढ़ गई है।
अब तक गंगा का जल स्तर सामान्य स्थिति में था, लेकिन गुरुवार से गंगा उफान पर है। कटान के साथ ही खेत खलिहानों तक पानी पहुंचने का डर बना हुआ है। यदि ऊपर से अब इतना ही पानी दो दिन लगातार छोड़ा गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। गंगा के सभी तटबंधों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। क्षेत्र के जटा और कमलैयापुर की ओर गंगा ने कुछ दिन पहले भी कटान किया था, लेकिन गंगा में पिछले दिनों पानी कम होने से कटान रुक गया। अब गंगा में फिर से पानी बढ़ रहा है जिससे कटान शुरू होने के साथ ही बाढ़ की आशंका पैदा हो गई है।
रामगंगा में भी बढ़ा जलस्तर, किसान परेशान
रामगंगा में पिछले तीन दिन से पानी बढ़ रहा है। इससे लोगों को खतरा पैदा हो गया है। हजरतपुर और रसूलपुर के बीच गंगा की धार ने आसपास के खेतों को भी चपेट में ले लिया है। निचले इलाके में गंगा का पानी पहुंच चुका है। हालांकि बाढ़ का खतरा अभी नहीं है। फिर भी किसानों को परेशानी बढ़ रही है। रसूलपुर से लेकर कमले नगला तक गंगा का पानी दिख रहा हे। इससे कुछ फसलों को नुकसान भी हुआ है। कई खेतों में खड़ी धान की फसल पानी में डूबने लगी है जिससे किसानों की धड़कने बढ़ने लगी हैं।
वर्जन
सहायक अभियंता, बाढ़ खंड नेशपाल ने बताया कि ऊपर से आने वाले पानी ने नरौरा बैराज का जलस्तर बढ़ा दिया है। बढ़ा हुआ पानी गंगा नदी में डिस्चार्ज किया जा रहा है। गुरुवार को 62 हजार क्यूसेक से अधिक पानी गंगा में छोड़ा गया है। इससे गंगा उफान पर है। उसहैत और कटरा सआदतगंज की ओर पानी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। किसानों को कुछ दिक्कतें हो रही हैं, जो जल्द ही सामान्य स्थिति में होगी।
