कानपुर: गंगा का बढ़ा जलस्तर, जल आयोग और सिंचाई विभाग ने बढ़ाई निगरानी

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Published By Deepak Mishra
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हरिद्वार बैराज से 97,967 क्यूसेक और नरोरा बैराज से 62,053 क्यूसेक पानी छोड़ा गया

कानपुर, अमृत विचार। गंगा नदी के जलस्तर फिर से बढ़ रहा है। पीछे से आ रहे पानी के बाद गंगा तटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। संभावित बाढ़ की रोकथाम के लिए जल आयोग एवं सिंचाई विभाग ने चौकसी बढ़ा दी है। हालांकि अभी गंगा नदी का जलस्तर सामान्य है। कानपुर बैराज पर शुक्रवार को अपस्ट्रीम में 113 मीटर और डाउनस्ट्रीम पर 112.220 मीटर पानी रिकॉर्ड किया गया। इस समय 84,141 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। यहां चेतावनी स्तर 114 मीटर व खतरे का स्तर 115  मीटर है। जिससे पानी काफी नीचे है।

अधिकारियों के अनुसार खतरे के स्तर पर अनुमानित डिस्चार्ज 5,44,373 क्यूसेक है। वहीं, शुक्लागंज गेज पर जलस्तर 110.530 मीटर है, यहां चेतावनी स्तर 113 व खतरा 114 मीटर है। हरिद्वार से 97,967 क्यूसेक व नरोरा बैराज से 97,764 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया। अधिशासी अभियंता, बाढ़ नियंत्रण मनोज सिंह ने बताया कि फिलहाल गंगा नदी की स्थिति पूरी तरह सामान्य है। नदी के जलस्तर को देखते हुए विभागीय टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।

बाढ़ के खतरे को देखते हुए अब बाढ़ राहत चौकियां बनाने की तैयारी की जा रही है ताकि लोगों को वहां रखा जा सके। लगातार बढ़ते जलस्तर से कटरी के रामपुर, बनियापुरवा और शंकरपुर सराय, चैनपुरवा के लोग दहशत में हैं। गंगा में जब भी बाढ़ आती है इन गांवों के लोग बर्बाद हो जाते हैं।

इसी से निपटने के लिए प्रशासन ने अभी से कार्ययोजना तैयार कर ली है। तय हो गया है कि 12 बाढ़ राहत चौकियां बनेंगी। अगर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार करता है तो फिर चैनपुरवा, देवनीपुरवा और घारमखेड़ा गांव में पानी भर जाएगा। ऐसे में यहां के लोगों को पलायन करना पड़ेगा। 

यहां बनेंगी बाढ़ चौकियां

जागेश्वर मंदिर नवाबगंज, संभरपुर, परमट, डोमनपुर, पुराना कानपुर जूनियर हाईस्कूल, नागापुर और कटरी राजापुर समेत 12 स्थानों पर।

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