खुले नाले बन रहे हादसों का कारण: गिरकर चोटिल हो रहे लोग, व्यक्ति की मौत के बाद भी नहीं जागा नगर निगम
लखनऊ, अमृत विचार : शहर में जगह-जगह खुले नाले और टूटे पत्थर हादसों का कारण बन रहे हैं। 14 जुलाई को ठाकुरगंज में खुले नाले में गिरकर पेंटर सुरेश लोधी की मृत्यु हो गई थी। शनिवार को बारिश के दौरान रकाबगंज क्षेत्र में खुले नाले में स्कूली छात्र साइकिल सहित गिर गया था। उसे आस-पास के लोगों ने बचा लिया। इन घटनाओं के बाद भी नगर निगम के अधिकारी सबक नहीं ले रहे। 15 जुलाई से शहर में खुले नाले कवर करने और टूटे पत्थर और मैनहोल रखने के लिए अभियान चलाने के बाद भी शहर के कई इलाकों में नाले खुले और पत्थर हटे हैं।
पुराना हैदरगंज क्षेत्र में खुले नाले में गिरकर लोग आए दिन चोटिल हो रहे हैं। क्षेत्रीय निवासी शाहनवाज ने बताया कि रविवार काे फिसलकर नाले में गिर गए, जिससे उनके पैर में चोट लग जाने से सात टांके लगाने पड़े। उन्होंने बताया कि बड़े बुजुर्गों से लेकर बच्चे खुले नाले से बचते बचाते निकलने को मजबूर हैं।
बारिश से उफान पर नाले, सड़क तक बह रहा पानी
बारिश के दौरान शहर के नाले उफान पर हैं। स्थिति यह हो जाती है कि नाले का पानी सड़क पर बहने लगता है। खुले नाले और सड़क के बीच अंतर पता नहीं लग पाता है। जिससे लोग नाले में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। कई बार तो यह जानलेवा साबित होता है। इसके बाद भी नगर निगम का अभियंत्रण विभाग लापरवाही बरत रहा है। नाले कवर किए और न उन पर टूटे पत्थर बदले।
