बाराबंकी में "दीदियों के हाथों से सिले तिरंगे, हर घर में लहराएगी आत्मनिर्भरता की पहचान"
बाराबंकी, अमृत विचार : इस स्वतंत्रता दिवस, हर घर तिरंगा अभियान को आत्मनिर्भरता से जोड़ने की अनूठी पहल की गई है। ग्राम पंचायत बुढ़वल में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत दुर्गा मां स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने हाथों से तिरंगे तैयार कर रही हैं, जो 15 अगस्त को घर-घर लहराएंगे।
समूह की अध्यक्ष कमला देवी के नेतृत्व में सुनीता देवी, ममता, कृष्णावती समेत 10 महिलाओं की टीम इस कार्य में जुटी है। खंड विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि काम ब्लॉक मिशन मैनेजर की देखरेख में चल रहा है और अन्य सिलाई-कढ़ाई समूहों को भी इस दिशा में प्रेरित किया गया है।
डीसी एनआरएलएम बी.के. मोहन ने कहा, “महिलाओं ने झंडा निर्माण को जिम्मेदारी और गर्व के साथ निभाया है। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ेगी बल्कि राष्ट्रप्रेम भी मजबूत होगा।” समूह की महिलाओं का कहना है कि यह काम वे पूरी निष्ठा और गर्व के साथ कर रही हैं।
डूडा की दीदियां बना रहीं 60 हजार झंडे
बाराबंकी में डूडा के तहत गठित स्वयं सहायता समूह की 100 महिलाएं करीब 60,000 तिरंगे बना रही हैं। परियोजना अधिकारी संजय शुक्ला ने बताया कि नया सवेरा समिति के 10 स्वयं सहायता समूहों ने अब तक 45,000 झंडे बनाकर नगर निकायों को उपलब्ध करा दिए हैं। मिशन प्रबंधक गरिमा सिंह की देखरेख में काम तेजी से चल रहा है। शासन ने 50% धनराशि जारी कर दी है, शेष आपूर्ति के बाद समूहों के खातों में भेजी जाएगी।
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