UP Assembly: मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष ने किया का हंगामा, सदन कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, पत्रकारों की सुरक्षा का उठा मामला
लखनऊ। विपक्ष के हंगामे के कारण यूपी विधनसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी और कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गया। अब आगे की कार्यवाही कल 11 बजे फिर शुरू होगी।
पत्रकारों की सुरक्षा पर कमेटी बनाने की उठी मांग
सपा विधायक ने बलिया में पेपर लीक और हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र करते हुए पत्रकारों के खिलाफ की गई कार्रवाई की तुलना करीब 50 साल पहले की घटनाओं से करते हुए सरकार को घेरा। कोविड के दौरान पत्रकारों के खिलाफ की कार्रवाई का भी जिक्र किया।
सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र की हत्या की घटना पर भी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को खुलकर काम करने का मौका नहीं मिल रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि क्या सरकार ऐसी कमेटी का गठन करेगी जो पत्रकारों की सुरक्षा पर काम करे।
इसके जवाब में मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार पत्रकारों का पूरा सम्मान करती है। कोविड में पत्रकारों के निधन पर सरकार ने 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की। सीतापुर में जिस पत्रकार की हत्या की गई, उनके आरोपियों का संबंध कहीं न कहीं सपा से जुड़ता है।
हम फतेहपुर का मुद्दा उठाना चाहते हैं: माता प्रसाद
वहीं कार्रवाई शुरू होने पहले विपक्ष के नेता माता प्रसाद ने विधानसभा में स्पीकर से कहा की नियमावली में बदलाव करनी चाहिए। वो फतेहपुर का मामला उठाना चाहता है। लेकिन नियमावली की वजह से उठा नहीं पा रहे है। इस पर प्रदेश के डिप्टी केशव मौर्य ने पलटवार करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रही है और मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "विपक्ष के पास अगर कोई सवाल है तो सदन में उठाएं और सरकार उनका जवाब देने को तैयार है। अगर विपक्ष चर्चा से भागना चाहे, तो सरकार उसका इलाज नहीं कर सकती"।
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर कहा, "भाजपा के लोग न्याय प्रिय नहीं हैं। उन्हें लोकतंत्र की परिभाषा ही नहीं पता। उन्हें केवल बोलना है तो वे कुछ भी बोलेंगे।"
