Bareilly : नाथनगरी बनी बरेली की पहचान, पुलों ने बढ़ाई विकास की रफ्तार

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। बरेली में पांच साल से लगातार बदलाव हो रहा है। ऐतिहासिक प्राचीन भव्यता को समेटे नाथ मंदिरों को लेकर आध्यात्मिक नजरिये से बरेली नाथनगरी के रूप में देश में अपनी विशेष पहचान बना रही है, दूसरी ओर भौगोलिक क्षेत्रफल से बरेली विस्तार ले रही है, जहां आमजन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुख सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, वहीं पांच साल में बने छह पुलों ने विकास की रफ्तार भी बढ़ाई है। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में बेहतर सुधार हुआ है। नाथनगरी की शोभा बढ़ाने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण ने काफी प्रयास किए हैं।

आध्यात्मिक और पर्यटन के रूप में बरेली को विकसित करने के लिए नाथनगरी कॉरिडोर को भव्य स्वरूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। सातों नाथ मंदिरों को जोड़ने वाले सर्किट बनाए गए हैं। धोपेश्वर नाथ मंदिर, मढ़ीनाथ मंदिर, तपेश्वरनाथ मंदिर, बनखंडीनाथ मंदिर, त्रिवटीनाथ मंदिर, अलखनाथ मंदिर, पशुपति नाथ मंदिर को जोड़ते हुए 32.5 किलोमीटर लंबा टूरिज्म सर्किट बनेगा। इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। शासन ने पहली किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए हैं। 

नाथ मंदिरों को जोड़ने वाले सर्किट पर स्ट्रीट लाइट में शिव के प्रतीक चिह्न लगेंगे। सातों सर्किटों की अलग पहचान के लिए डमरू, त्रिशूल, त्रिपुर, नंदी स्थापित किए जाएंगे। एक मंदिर से दूसरे नाथ मंदिर को जोड़ने वाले सातों सर्किट को एकरूपता लाने का काम होगा। नाथनगरी काॅरिडोर के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल काफी प्रयारसत हैं। बीडीए वीसी भी लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं।

वहीं, कोविड काल से पहले बरेली शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के बारे में बात करें तो न चौड़ी सड़कें थीं और न ही इतने पुल थे। महज किला पुल और बदायूं रोड के पुल ही थे। 2020 से लेकर 2022 तक निर्माणाधीन पुलों पर तेजी से काम हुआ। कुदेशिया पुल, आईवीआरआई ओवरब्रिज, लाल फाटक ओवरब्रिज चालू होने के बाद चौपुला पुल, ब्रांच पुल, शहामतगंज पुल और कुतुबखाना पुल भी बनकर तैयार हो गए। 

इतने पुल बनने से जहां ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हुआ, वहीं शहरवासियों की रफ्तार भी बढ़ी है। इसमें बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड से विकास कार्य भी हुए हैं। विकास भवन रोड, गांधी उद्यान से चौकी चौराहे, चौकी चौराहे से चौपुला रोड, चौपुला चौराहे से अय्यूब खां (पटेल चौक), नगर निगम रोड का चौड़ीकरण हुआ। सड़कें चौड़ी होने से पर्यावरण के रूप में शहर का नुकसान हुआ, लेकिन पहले से लोगों को आवागमन में आसानी हुई है।

पहले झुमका और सुरमा नगरी से थी पहचान
बरेली का झुमका भी देश-विदेश में प्रसिद्ध है। फिल्मों में कई बार झुमकों पर गाना फिल्माया गया है। सुरमा भी बरेली की पहचान रहा है, लेकिन अब बरेली नाथनगरी के रूप में भव्यता की चादर ओढ़ रहा है। करीब 65 साल पहले मेरा साया फिल्म में पहली बार झुमका का जिक्र आया था।

बरेली महानगर से ग्रेटर बरेली भी जुड़ी
बरेली महानगर अब तेजी से क्षेत्रफल के नजरिये से भी बढ़ रहा है। पीलीभीत रोड पर बैरियर, नैनीताल रोड पर बैरियर, बीसलपुर रोड पर हरुनगला, बदायूं रोड पर करगैना, दिल्ली रोड पर परसाखेड़ा तक विकास कार्य होते थे, लेकिन पिछले पांच साल में इन प्रमुख मार्गों पर तेजी से विकास हुआ है। पीलीभीत बाईपास रोड पर एयरपोर्ट बनने से इस मार्ग पर तेजी से कालोनियां बनीं और कई शोरूम भी खुले। बीडीए ने महानगर के क्षेत्रफल को विस्तार देने के लिए ग्रेटर बरेली की रूपरेखा बनाई। इसे धरातल पर लाने की कवायद बीडीए तेजी से कर रहा है। बीडीए वीसी मनिकंडन ए ग्रेटर बरेली को विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी करा चुके हैं। ग्रेटर बरेली में नटराजन की बड़ी मूर्ति भी लगाई जा रही है।

बरेली शहर की सीमा में घुसने वाले को सबसे पहले नाथनगरी की भव्यता नजर आए, इसके लिए बरेली विकास प्राधिकरण बदायूं रोड पर महेशपुरा क्रॉसिंग से पहले, लखनऊ रोड पर बड़ा बाईपास चौराहा के पास, डोहरा रोड पर बड़ा बाईपास तिराहे पर, बीसलपुर रोड पर बड़ा बाईपास चौराहा, दिल्ली रोड पर झुमका तिराहे के पास नाथनगरी में प्रवेश से संबंधित शिव के प्रतीक चिह्न बनवाते हुए बड़े-बड़े गेट बनवा रहा हैं। संगमरमर से तैयार हो रहे गेटों की भव्यता भी राहगीरों को आकर्षित कर रही है।
रामायण वाटिका ने शहरवासियों को दी विशेष सौगात

बीडीए ने डोहरा रोड पर रामायण वाटिका बनवाई है। इसमें श्रीराम से जुड़ी तमाम प्रसंगों को सुसज्जित किया गया है। शबरी कुटिया, दौड़ते मृग, हनुमान की प्रतिमा रामायण वाटिका में शोभित हैं। बीडीए ने रामायण वाटिका बनवाकर शहरवासियों को अध्यात्म की चीजों से रूबरू कराया है।

 

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