10 बैंकों से ठगे 100 करोड़... STF नोएडा यूनिट ने फर्जीवाड़ा करने वाले 8 सदस्यीय गैंग को किया गिरफ्तार
नोएडा। उत्तर प्रदेश की नोएडा स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) यूनिट द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 10 बैंकों से 100 करोड़ रुपए का लोन कराकर फायदा उठाने वाले एक गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। नोएडा एसटीएफ पुलिस ने शुक्रवार देर शाम को फर्जीवाड़े में गिरफ्तार आठ लोगों से बरामद फर्जी दस्तावेज का खुलासा करते हुए जानकारी दी।
नोएडा एसटीएफ पुलिस को एक बैंक द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी, जिससे तहरीर प्राप्त करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें जानकारी में बताया गया कि एक संगठित गिरोह द्वारा कूटरचित दस्तावेज बनाकर लोगों के घरों के फर्जी दस्तावेज बनाए जा रहे हैं तथा उनके नाम के फर्जी व्यक्ति की प्रोफाइल बनाकर लोगों की सम्पत्ति को विभिन्न बैंको से लोन कराकर बेच दिया जा रहा है। फर्जीवाड़े में गिरफ्तार गैंग का एक सदस्य पूर्व में एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक में लोन एक्जीक्यूटिव के पद पर काम कर चुका है।
इसके पश्चात फर्जी प्रोफाइल तैयार करके लोन कराने के कार्य में लिप्त हो गया। जिसके द्वारा विभिन्न बिल्डरों के साथ मिलकर फर्जी प्रोफाइल तैयार करके उनके नाम से होम लोन तैयार करके लोन लिया जाता है, जिसमें से कुछ रकम बिल्डर आरोपी को वापस देता है, आरोपी द्वारा टीएसए सॉफ्टवेयर सर्विसिज प्राइवेट लिमिटेड एवं तृप्तेची प्राइवेट लिमिटेड के नाम की बोगस कंपनियां बनाई गई, जिससे फर्जी आधार कार्ड बनाकर तैयार किए गए फर्जी व्यक्ति को डायरेक्टर बनाकर रजिस्ट्रर्ड कराई, इन कम्पनियों में फर्जी आधार कार्ड पर बनाए गए व्यक्ति के बैंक खाते, बैंक कर्मियों के साथ मिली भगत करके खोले गए। इन कम्पनियों में फर्जी रूप से प्रतिमाह सैलरी भेजकर उनकी प्रोफाइल तैयार की, तथा ऐसे प्रोफाइल तैयार किए गए फर्जी व्यक्तियों के नाम से विभिन्न बैंकों से होम लोन, पर्सनल लोन कराए, बैंकों से संबंधित इस तरह के कार्यों में गैंग के लोगों के अलग अलग कार्य होते हैं,इस गैंग का एक सदस्य बिहार के ऐसे लोगों को तलाशते थे, जो गल्फ देशों में नौकरी करते हैं इन व्यक्तियों को कुछ पैसे का लालच देकर उनकी प्रोफाइल पर लोन कराकर सम्पत्ति खरीद लेते हैं। अधिकतर ऐसी संपत्तियां फर्जी व्यक्ति को खड़ा करके खरीदी जाती है या फिर बिल्डर के साथ मिलीभगत करके लोन कराते है तथा प्राप्त धनराशि को गैंग के लोग आपस में बांट लेते हैं।
इसी प्रकार की एक दिल्ली स्थित मृतक महिला की सम्पत्ति पर फर्जीवाड़ा सामने आया जहां से जानकारी प्राप्त हुई कि मृतक महिला के पुत्र विदेश में रहते हैं, जिसपर गैंग के सदस्यों द्वारा मृतक महिला के स्थान पर एक अन्य महिला को दिखा करके उसकी सम्पत्ति एक अन्य व्यक्ति के नाम करा दी गई। जिस संपत्ति पर करीब चार करोड़ 80 लाख रुपए का लोन बैंक से प्राप्त करके आपस में बांट लिया, गैंग का एक सदस्य दिल्ली में इसी प्रकार की एक सम्पत्ति का फर्जी बैनामा करके एलआईसी हाउसिंग से एक करोड़ पच्चीस लाख रुपए का लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में दिल्ली के ईओडब्लू थाने से गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है।
इस तरह के फर्जीवाड़े से गैंग के आठ सदस्यों द्वारा 100 करोड रुपए से अधिक के लोन की धोखाधड़ी कर लाभ कमाने का कूटरचित कार्य किया गया जिसके प्रारम्भिक साक्ष्य में गिरफ्तार गैंग से फर्जी दस्तावेजों से प्रकरण सामने आए और अन्य जानकारियां प्राप्त हुई हैं,जिसमें उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ एवं बनारस, उत्तराखण्ड के हरिद्वार, चंडीगढ़, दिल्ली तथा गुरुग्राम के कई बिल्डरों की भी मिलीभगत प्रकाश में आया है। गैंग के चार सदस्यों द्वारा कई प्रोपराइटर फर्म फर्जी व्यक्तियों के नाम से बना रखी है, जिनमें धोखाधडी से प्राप्त धन को साइफनिंग करके अपने अन्य सदस्यों को दिया जाता है। अब तक ऐसी 20 से अधिक शेल फर्मों की जानकारी प्राप्त हुई है जो धनशोधन के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। फर्जी प्रोफाइल एवं धन की साइफनिंग के कारण न तो बैंक वास्तविक व्यक्ति तक पहुंच पाता है और यह गैंग पुलिस की पकड़ से भी बचा रहता है,इस गैंग के सदस्य हाईप्रोफाइल रहते हैं।
गिरफ्तार गैंग के एक अन्य सदस्य ने एमबीए किया हुआ है और वह इन सभी शेल कंपनियों का कम्पनी सेक्रेटरी है तथा एलएलबी किया हुआ है, जो कई वर्षों से एक्सेंचर कम्पनी में लीगल एवं रिस्क मैनेजर के पद पर कार्य कर चुका है तथा अन्य गिरफ्तार गैंग के सदस्य भी अपनी पहचान छिपाकर फर्जी प्रोफाइल से गैंग के कार्य करते हैं, जिससे उनकी वास्तविक पहचान उजागर नही हो पाती है। गिरफ्तार गैंग के पास से 126 पासबुक/चेकबुक,170 डेबिट कार्ड,45 आधार कार्ड,27 पैन कार्ड,15 आईडी कार्ड,5 निर्वाचन आयोग पहचान पत्र,26 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 3 गाड़ियां बरामद हुई हैं और गैंग द्वारा किए गए फर्जीवाड़े में लगभग 220 बैंक खातों को फ्रीज कराया गया है।
