बैंक खाता मांगते ही बिना नैट जांच के लौट रहे है संभावित टीबी मरीज, मरीजों की तलाश में आड़े आ रहा स्वास्थ्य विभाग का आदेश

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार : नए टीबी मरीजों की खोज की सफलता में स्वास्थ्य विभाग का 24 जून 2025 को जारी अपना ही आदेश आड़े आ रहा है। आदेशानुसार, संभावित टीबी मरीज की नैट जांच के पहले, उनसे बैंक खाते का विवरण लिया जा रहा है, जिससे संभावित मरीज बिना जांच वापस लौट जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.रतन पाल सिंह सुमन ने खुद के द्वारा जारी आदेश से हो रहे नुकसान की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत संभावित नए टीबी मरीजों की पड़ताल के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर नैट परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। राजधानी में सरकारी अस्पताल के चेस्ट रोग विशेषज्ञ ने नाम न प्रकाशित होने की शर्त पर बताया कि गरीब और कम पढ़े-लिखे रोगी सरकारी अस्पतालों में आते हैं, बैंक खाते की पूंछतांछ करते ही, वह बहाना बनाकर बिना जांच कराए लौट जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में यह समस्या और अधिक होगी। एक अन्य चेस्ट रोग विशेषज्ञ का कहना है कि कोई संभावित मरीज खुद को टीबी रोगी नहीं मानता है, ऐसे में बैंक खाते का विवरण मांगते ही संशय में आ जाते हैं। किसी प्रकार के फ्राड से बचने के लिए अनावश्यक बैंक खाता साझा करने में लोग कतराते हैं। हालांकि लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एन बी सिंह का कहना है कि सैंपल की संख्या में कमी नही आ रही है, वास्तविक डाटा का आकंलन किया जाएगा।

मालूम हो कि अगर आपको 15 दिनों से ज्यादा समय से खांसी आ रही है या आप किसी टीबी मरीज के संपर्क में हैं तो आप में टीबी वैक्टेरिया होने की संभावना अधिक होती है। जल्द से आप में टीबी की पहचान हो जाए और इलाज शुरू हो जाए, इसके लिए विशेष सघन जांच अभियान के तहत नए मरीजों की तलाश की जा रही है। मरीज में टीबी की पुष्टि होने पर उसे प्रतिमाह 1000 रूपए नि:क्षय पोषण योजना अंतर्गत बैंक खाते में दिए जाते हैं।

 

सही बात है कि नैट टेस्ट के लिए लिए गए कुल सैंपल में मुश्किल से चार-पांच प्रतिशत सैंपल ही पॉजिटिव होते हैं, जिन्हें नि:क्षय योजना के तहत पोषण धनराशि देनी होती है। किसी मरीजों को धनराशि मिलने में विलंब न हो, इसके लिए बैंक खाते का विवरण पहले ही लिया जा रहा है।

डॉ.रतन पाल सिंह ‘सुमन’, स्वास्थ्य महानिदेशक, उप्र.

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