आजमगढ़ : एक लाख का इनामी एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ढेर

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। एसटीएफ और आजमगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम की शनिवार सुबह जहानागंज इलाके में एक लाख के इनामी शंकर कन्नौजिया से मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में कन्नौजिया गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे पास के अस्पताल लेकर गये। जहां डॉक्टरों न मृत घोषित कर दिया। शंकर के पास से टीम ने एक कार्बाइन, पिस्टल, खुखरी और कारतूस बरामद किया है। एसटीएफ के मुताबिक वह फरार चल रहा था। शंकर पर हत्या, लूट व अपहरण जैसे मामले दर्ज थे।

एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक वाराणसी यूनिट के इंस्पेक्टर पुनीत परिहार की टीम रौनापार के हाजीपुर गांव निवासी एक लाख के इनामी बदमाश शंकर कन्नौजिया की तलाश में जुटी थी। टीम को सूचना मिली कि कनौजिया जहानागंज इलाके में वारदात को अंजाम देने आने वाला है। टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उसे पकड़ने का ऑपरेशन शुरू किया। सुबह 4 बजे नरेहथा पुलिया के पास बाइक से दो लोगों आते दिखे। रुकने का इशारा करने पर फायरिंग करने लगे। टीम की ओर से की गई जवाबी फायरिंग कन्नौजिया घायल हो गया, जबकि साथी भाग निकला। कनौजिया को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इंस्पेक्टर के मुताबिक कनौजिया हत्या कर पिकप लूटने की वारदात के बाद से फरार था। उसके खिलाफ हत्या, लूट, हत्या के प्रयास जैसे 10 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कनौजिया पर वाराणसी के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने एक लाख रुपये इनाम घोषित किया था।

सिर को धड़ से कर दिया था अलग, लूटी थी पिकप

एसटीएफ अधिकारी के मुताबिक 11 जुलाई 2024 को आजमगढ़ के रौनापार में सिर कटी लाश मिली। जिसकी पहचान शैलेंद्र के रुप में हुई। इस हत्या में तीन आरोपी शामिल थे। एक वर्ष बाद भी सिर नहीं मिला। तीन में दो आरोपियों रामछवि उर्फ दबिया और छांगुर को पुलिस ने 15 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था। कन्नौजिया फरार चल रहा था।

गोरखपुर में बनाई थी शैलेंद्र की हत्या की योजना

पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने गोरखपुर से फर्जी कागजों के सहारे पिकअप बुक कर वारदात का प्लान बनाया था। तीन जुलाई को ड्राइवर शैलेंद्र को लाटघाट बुलाकर खाद्य पदार्थ में जहरीला पदार्थ खिलाया गया, जिससे वह अचेत हो गया और उसकी हत्या कर वाहन लूट लिया गया। इसी तरह शंकर कन्नौजिया ने अपने साथी अनिरूद्ध सोनकर व अरविंद कुमार यादव के साथ मिलकर विंध्याचल पांडेय की सिर काट कर हत्या कर दी और लोडर गाड़ी लूट ली थी। विंध्याचल का धड़ घाघरा नदी में फेंका था। इस हत्याकांड में शंकर के साथी अनिरुद्ध और अरविंद गिरफ्तार हुए थे। लेकिन शंकर पुलिस के हाथ नहीं लगा। शंकर के खिलाफ आजमगढ़ और मऊ जिले में 10 मामले दर्ज है।

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