UP : बाढ़ में बहे दो मकान और कई झोपड़ियां, कछला गंगा खतरे के निशान से ऊपर
बदायूं, अमृत विचार। नरौरा से छोड़ा गया पानी अब मकानों को तहस नहस कर रहा है। जटा गांव में दो कच्चे मकान बाढ़ के पानी में समा गए, जबकि कई अन्य झोपड़ियां भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई। दातागंज तहसील प्रशासन ने जटा और रैपुरा गांव के कटान का जायजा लिया है।
रविवार को नरौरा से एक लाख 29 हजार क्यूसेक पानी गंगा नदी में छोड़ा गया, जबकि शनिवार को डेढ़ लाख से ऊपर पानी डिस्चार्ज किया गया। लगातार घटने के बाद बढ़ रहा पानी अब मकानों को अपने आगोश में ले रहा है। उसहैत के जटा गांव में दो मकान बाढ़ के पानी में समा गए, जबकि कई अन्य झोपड़ियां भी बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी हैं। जटा गांव के लोग कई दिन पहले गांव छोड़ कर बाहर जा चुके हैं। गांव में केवल कच्चे घर ही दिखाई दे रहे हैं जो अब पानी में दरक रहे हैं।
रैपुरा की ओर गंगा का तेज बहाव है। इस गांव में भी कटान तेज हो रहा है। पानी से खतरा कम है, जबकि कटान से लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। गंगा में जिस तरह बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है वह डराने वाला है। असमिया रफतपुर गांव के चारों ओर चार चार फुट पानी भरा होने से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। गांव के लोग बाहर जा चुके हैं। इस गांव को दातागंज तहसील प्रशासन ने बीस दिन पहले ही खाली करा दिया था। खतरे को देखते हुए ग्रामीणों ने अपने अपने पशुओं को बाहर पहुंच गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि तहसील प्रशासन बाढ़ राहत सामग्री नहीं दे रहा है जिससे उन लोगों को परेशानी हो रही है। नरौरा से छोड़े जा रहे पानी ने कछला गंगा में उफान ला दिया है। गंगा के दोनो किनारों पर पुलिस तैनात कर दी गई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा घाट पर भी भीड़ एकत्र नही होने दी जा रही है। किसी को गंगा में घुसने नहीं दिया जा रहा है। कछला गंगा इस समय 162.46 सेमी पर है। इससे आगे हुसैनपुर बांध को भी खतरा पैदा हो गया है। बांध पर बाढ़ खंड पहरेदारी कर रहा है फिर भी खतरा बना हुआ है।
रामगंगा ने कई गांवों में मचाया कहर
रामगंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। रामगंगा के पानी से नगरिया खनु गांव में बाढ़ का कहर बना हुआ है। बाढ़ के चलते गांव के लोग बाहर जा चुके हैं। दर्जन भर गांव इस इलाके में जलमग्न हैं। इस क्षेत्र में फसलें कहीं नहीं दिखाई दे रही हैं। धान की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। बाजरा और मक्का कहीं नहीं दिख रहा है। हजारों हेक्टेयर फसल पानी में नष्ट हो चुकी है। हजरतपुर से आगे रसूलपुर गांव के बीच तक पानी लोगों को डरा रहा है। हर तरफ जल ही जल है। आनंदपुर गांव में कई दिन से पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों को अब खाने की भी समस्या पैदा हो गई है।
महावा नदी ने दिखाया विकराल रूप
सहसवान क्षेत्र की महावा नदी ने अब विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। नदी का पानी हजारों हेक्टेयर जमीन को निगल चुका है। इस जमीन पर खड़ी फसलें अब कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं। करीब 14 किमी लंबा बांध से पानी टकरा रहा है जिससे कई जगह पर बांध कमजोर पड़ता दिख रहा है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता को बांध का निरीक्षण करने को कहा गया है।
सहायक अभियंता बाढ़ खंड नेशपाल ने बताया कि रविवार को गंगा में पानी कम आया है, जबकि शनिवार को करीब डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी आया था जो इस क्षेत्र में पहुंच चुका है। अधिक पानी आने से उसहैत और सहसवान इलाके में स्थिति और बिगड़ रही है। हालांकि बांध सुरक्षित हैं। बांधों पर नजर रखी जा रही है। तहसील प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
