Gurgaon : पहले बारिश और फिर लगा गुरुग्राम में कई किलोमीटर लंबा जाम, हजारो लोग फंसे
नई दिल्ली। दिल्ली- एनसीआर में सोमवार को सुबह से ही रुक-रुककर बारिश होती रही। जिसके कारण गुरुग्राम में कई सड़कों पर लंबा जाम लग गया। इस जाम में हजारों लोगों के फंसे होनी की बात सामने आ रही है। दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित इफको चौक पर भी लंबा जाम लगा हुआ है। बारिश अभी भी जारी है। हालांकि इसबीच धीरे-धीरे वाहन बढ़ रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को हुई भारी बारिश और दो सितंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम में मंगलवार को स्कूलों और दफ्तरों को ऑनलाइन प्रारूप में संचालित करने का निर्देश दिया गया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गुरुग्राम की ओर से जारी परामर्श में कहा गया था कि, ‘‘आज दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक गुरुग्राम शहर में 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने पूर्वानुमान में दो सितंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।’’
परामर्श में कहा गया, ‘‘उपरोक्त पूर्वानुमान को देखते हुए जिले के सभी कॉरपोरेट कार्यालयों और निजी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने की सलाह दी जाती है और जिले के सभी स्कूलों को दो सितंबर को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का परामर्श दिया जाता है।’’
हरियाणा में भारी बारिश की चेतावनी, अधिकारियों को मुख्यालय पर बने रहने के निर्देश
हरियाणा सरकार ने राज्य में भारी बारिश के अनुमान को देखते हुए सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जारी करते हुए आने वाले दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के मुताबिक कुछ जिलों में स्थानीय स्तर पर बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी मंडल आयुक्तों, रेंज आईजीपी, एडीजीपी, उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और सब-डिवीजन मजिस्ट्रेटों को पत्र लिखकर सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने साफ कहा है कि पांच सितम्बर तक सभी अधिकारी मुख्यालय पर ही तैनात रहें और हालात पर कड़ी नजर बनाये रखें। मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये हैं कि इस अवधि में किसी भी अधिकारी को अवकाश की अनुमति नहीं दी जायेगी। केवल मुख्य सचिव या गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर से स्वीकृति मिलने पर ही अवकाश दिया जा सकेगा। इसका उद्देश्य आपात स्थिति में प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को पूरी तरह सक्रिय बनाये रखना है। सरकार ने जिलों के अधिकारियों से कहा है कि वे निचले क्षेत्रों और नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट करें और आपदा प्रबंधन योजनाओं को सक्रिय करें। साथ ही, राहत और बचाव दलों को भी तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं। अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि वे पानी निकासी की व्यवस्थाओं और बिजली आपूर्ति की स्थिति पर लगातार नजर रखें, ताकि भारी बारिश की स्थिति में जनता को न्यूनतम असुविधा हो। सरकार का कहना है कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
