UP : छह दिन बाद थमी बारिश, देवहा का कहर जारी, कई गांवों में बाढ़
बाहरी क्षेत्र के मुख्य मार्गों पर अभी भी जलभराव, शहर में सुधरे हालात
पीलीभीत, अमृत विचार। छह दिन से चला आ रहा बारिश का क्रम बुधवार को थम गया। मौसम साफ हुआ और सुबह से ही तेज धूप निकली। मगर, पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश के बाद डैम से छोड़े गए पानी के पहुंचने से उफनाई देवहा नदी का कहर जारी रहा। नदी से सटे निचले इलाकों में बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है।
बाहरी क्षेत्र के कई मुख्य मार्गों पर जलभराव से आवागमन बाधित रहा। हालांकि शहर के अधिकांश इलाकों में हालात सामान्य हो गए। जिससे लोगों ने राहत महसूस की है। कुछ स्थानों पर जरूर अभी भी जलभराव की दिक्कत बनी हुई है। कुछ आंशिक असर जरूर पड़ा है।
बता दें गुरुवार से लगातार रुक-रुक कर बारिश हो रही। जिसके बाद शहर की पॉश कॉलोनियां, सरकारी दफ्तर, स्कूल, गली मोहल्ले, मुख्य मार्ग हर तरफ पानी ही पानी भरा रहा। कुछ इलाकों में तीन-चार दिन तक जलभराव रहा और जनजीवन ठप पड़ गया। इसके बाद जनप्रतिनिधि, अधिकारी खुद उतरे और जलभराव की समस्या का समाधान कराया। जिसका असर दिखाई दे रहा है।
नगर पालिका के इंतजामों पर भी आरोप- प्रत्यारोप का दौर छह दिन तक चलता रहा। बुधवार सुबह राहत दे गई। सुबह से ही मौसम साफ रहा और तेज धूप खिली रही। अधिकांश शहरी इलाकों में हुआ जलभराव बीती रात तक समाप्त हो चुका था। गोदावरी स्टेट कॉलोनी, मोहल्ला सुनगढ़ी समेत कुछ अन्य क्षेत्रों में जरुर पहले से कम ही सही लेकिन जलभराव बना हुआ है।
इधर, पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद छोड़े गए पानी से देवहा नदी उफना चुकी है। जिससे सदर तहसील क्षेत्र चंदोई, पीलीभीत मुस्तकिल, पिपरा वाले, पिपरा भगु, गुटैहा, मीरापुर मुस्तकिल, रंपुरा उझैतनिया एहतमाली, चिनौरा समेत कुल आठ गांव में बाढ़ से हालात भीषण बने हुए हैं। इसके अलावा बीसलपुर और बरखेड़ा क्षेत्र में भी देवहा से सटे इलाकों में पानी की मार है।
चंदोई मार्ग, ईदगाह मार्ग के साथ ही टनकपुर हाईवे पर भी पानी चलता रहा। बनकटी रोड पर भी सिविल लाइन चौकी के पास जलभराव की स्थिति बनी रही। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित परिवारों को भोजन व अन्य मदद पहुंचाने के लिए टीमें दौड़ती रही। इंसानों के साथ ही पशुओं को लेकर भी प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है। पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं को भूसा चारा दिए जाने की जिम्मेदारी दी गई है।
एसडीआरएफ कर रही कैंप, 12 मेडिकल टीमें गठित
बाढ़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से जिलेभर में कुल 34 बाढ़ राहत शरणालय बनाए गए हैं। 32 बाढ़ चौकियां एक्टिव की गई हैं। 42 नाव, 90 गोताखोर, 67 नाविकों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एक-एक चिकित्सक की अगुवाई में 12 मेडिकल टीमें पूरे जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए गठित की गई है। डीएम ज्ञानेंद्र सिंह की ओर से 36 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।
इसके अलावा सदर तहसील में एसडीआरएफ की एक टीम कैंप कर रही है। बारिश के पानी के निकलने के बाद भी बुधवार को कई जगह हालात बदतर ही बने रहे। पुलिस लाइन, विकास भवन, कचहरी मार्ग, जेल रोड आदि पर भी जलभराव है। ऑफिसर्स कॉलोनी में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। अफसर होटल व अन्य स्थानों पर शरण ले चुके हैं। बुधवार को भी यहां पर कई फीट पानी भरा रहा। जिससे कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। आवागमन में भी दिक्कत बनी रही। बारिश भले रुक गई हो , लेकिन नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। ऐसे में अभी भी शहरी क्षेत्र के लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है। दिनभर लोग ब्रह्मचारी घाट, देवहा और खकरा नदी के पुल पर पहुंचकर हालात भांपने में जुटे रहे। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देख हर कोई अग्रिम हालात के बारे में जानकारी करने में जुटा रहा।
ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे एसपी, परखे हालात
बाढ़ के मद्देनजर पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। सर्किल और थाना प्रभारियों को क्षेत्र में निगरानी रखने को निर्देशित किया गया है। उधर, पुलिस लाइन में भी बाढ़ का पानी पहुंचा है। कचहरी मार्ग पर भी काफी जलभराव है। बुधवार को एसपी अभिषेक यादव ट्रैक्टर पर सवार होकर जलभराव को पार करते हुए पुलिस लाइन पहुंचे और हालात का जायजा लिया। आरटीसी बैरक, मैस, पुलिस अस्पताल , बैडमिंटन कोर्ट, पुलिस कार्यालय के समस्त ऑफिस का निरीक्षण किया और मातहतों को निर्देश दिए।
इस मौके पर एएसपी विक्रम दहिया, सहायक पुलिस अधीक्षक/ सीओ लाइन नताशा गोयल, प्रतिसार निरीक्षक संतोष कुमार राघव आदि मौजूद रहे।ब्लॉक मरौरी क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बुधवार को ब्लॉक प्रमुख सभ्यता देवी वर्मा समर्थकों के साथ गांवों में पहुंची और जलभराव से होते हुए हालात परखे। जिन ग्रामीणों के मिट्टी के घर बने हुए हैं। उनसे ग्राम पंचायत सचिवालय में परिवार संग शरण लेने की अपील की गई। लेखपाल को बुलाकर समस्याओं से अवगत कराया।
