Moradabad : सात सितंबर को पितृ पक्ष के पहले दिन चंद्रग्रहण, 21 सितंबर को विसर्जन पर लगेगा सूर्य ग्रहण

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Published By Monis Khan
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मुरादाबाद, अमृत विचार। इस वर्ष 122 वर्ष बाद पितरों के स्मृति पर्व पितृपक्ष के आरंभ व विसर्जन पर ग्रहण का साया रहेगा। पितृपक्ष का आरंभ सात सितंबर को चंद्रग्रहण और विसर्जन पर 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इस पर पहले व आखिरी दिन ग्रहण लगेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित केदार मुरारी ने बताया कि इस बार पितृपक्ष की पूर्णिमा 7 सितंबर को है। इस दिन चंद्रग्रहण लगेगा।

चंद्र ग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे, मध्य रात्रि 11:41 व मोक्ष रात्रि 1:27 बजे है। चंद्र ग्रहण में नौ घंटा पूर्व सूतक लग जाता है। इसलिए इस ग्रहण का सूतक सात सितंबर रविवार को दिन में 12:57 पर लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद रहेंगें। मंदिरों के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए 8 सितंबर को अपने समय से खुलेंगें।

पितृ तर्पण करने की विधि
घर की महिलाओं द्वारा शुद्ध भोजन बनवाएं, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शरीर को शुद्ध करें, शुद्ध स्थान पर कुशा (एक प्रकार की घास) का आसन बिछा पूर्व की ओर मुंह करके देवताओं का तर्पण करें, उत्तर को मुंह करके ऋषि ( दिव्य मनुष्यों का तर्पण करें और दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पितरों का तर्पण करें, तांबे के लोटे में जल, तिल, जौ, दूध, और फूल मिलाकर सीधे हाथ के अंगूठे से पितरों को जल अर्पित करें।

आवश्यक सामान
तांबे या पीतल के पात्र में जल लेकर उसमें जौ, काले तिल, गंगाजल, सफेद फूल, कच्चा दूध और दही मिलाकर तर्पण के लिए तैयार करें, पितरों का चित्र रखकर उसके सामने एक दीया जलाएं।

इस मंत्र का करें जाप
ॐ पितृभ्यः नमः" मंत्र का उच्चारण करें और अपने पूर्वजों का स्मरण करें, पहले पिता, फिर दादा, और फिर परदादा का नाम लेकर तीन-तीन बार पितरों को जल चढ़ाएं।

मातृ श्राद्ध
माता, दादी और परदादी को भी जल अर्पित करें, उनका नाम और गोत्र लेकर तर्पण करें, सुहागन स्त्री किसी भी दिन मरी हों तो उनका श्राद्ध नवमी के दिन करें।

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