यूपी SCR से बदलेगी लखनऊ समेत 6 शहरों की सूरत, LDA ने रीजन प्लान की सर्वे रिपोर्ट का दिया प्रेजेन्टेशन
लखनऊ, अमृत विचार : लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर व बाराबंकी को मिलाकर उप्र स्टेट कैपिटल रीजन (यूपी एससीआर) विकसित किया जाएगा। एससीआर जनसंख्या और उसकी बसावट के आधार पर स्वरूप लेगा। इसके तहत आबादी क्षेत्र में अवस्थापना, अर्फोडेबल हाउसिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार परक परियोजनाएं संचालित की जाएंगी।
मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब के समक्ष गुरुवार को एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने एससीआर के रीजनल प्लान की प्रथम सर्वे रिपोर्ट का प्रेजेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि कंसल्टेंट एईकॉम इंडिया एवं एजीस इंडिया कन्सल्टिंग इंजीनियर्स के कंसोर्टियम एक वर्ष में जीआईएस आधारित रीजनल प्लान तैयार करेंगे। अगले पांच वर्ष में रीजनल प्लान के मुताबिक परियोजनाओं को चिह्नित करके डीपीआर बनाएंगे। स्थल पर परियोजनाओं को क्रियान्वित कराने का काम भी करेंगे।
कंसल्टेंट द्वारा सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अन्य जनपदों की तुलना में लखनऊ अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत विभिन्न कारणों से आते हैं। आसपास के जनपदों में भी समानांतर विकास किया जाएगा। इससे निवेश बढ़ेगा, रोजगार व व्यवसाय के अवसर सृजित होंगे। गांवों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी और लोगों को उनके क्षेत्र में निवास, व्यापार व नौकरी आदि का विकल्प मिलेगा।
पर्यटन व कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं
एससीआर के सभी छह जिलों के कृषि और पर्यटन क्षेत्र का भी अध्ययन किया गया है। पाया गया कि प्रतिवर्ष लगभग 1.8 करोड़ पर्यटक प्रस्तावित क्षेत्र में आते हैं। इसमें लखनऊ में सर्वाधिक 46 फीसदी, बाराबंकी में 31 फीसदी, उन्नाव में 14 फीसदी, सीतापुर में 7 फीसदी, हरदोई एवं रायबरेली में 1-1 फीसदी पर्यटन हैं। इसी तरह कृषि में विभिन्न राज्यों की तुलना में बढ़ोतरी की अपार संभावनाएं हैं। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि पर्यटन व कृषि क्षेत्र बढ़ाने के लिए सर्वे को और अधिक प्रभावशाली बनाएं। प्रत्येक जिले में एक-एक कंसल्टेंट नियुक्त करके डाटा कलेक्शन कराएं।
एससीआर में ये मुख्य
कुल क्षेत्रफल 26 हजार वर्ग किमी
जिलों में आधारभूत सुविधाओं को उच्चीकृत करना
हाईस्पीड रेल एवं रोड कनेक्टिविटी
औद्योगिक व व्यावसायिक विकास
बड़ी तादाद में रोजगार
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